केजरीवाल रहेंगे जेल में , फिर बढ़ी न्यायिक हिरासत की अवधि

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दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित शराब नीति से जुड़े घोटाले मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. इसके अलावा अदालत ने इसी मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और BRS पार्टी की नेता के कविता की भी न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी है.

आज ख़त्म हो रही थी केजरीवाल की न्यायिक हिरासत…

जानकारी के लिए बता दें कि केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज यानि 25 जुलाई को खत्म हो रही थी. इससे पहले CBI ने 55 वर्षीय AAP नेता तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था. आज उनकी पेशी कोर्ट में तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए हुई.

शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में हैं एक

CBI ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को कथित शराब घोटाले में मुख्य साजिशकर्ताओं में एक होने का आरोप लगाया है. जांच एजेंसी ने दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और केजरीवाल के करीबी विजय नायर कई शराब उत्पादकों और व्यापारियों के साथ संपर्क में थे.

वहीं, दूसरी तरफ CBI ने आरोप लगाया कि जून 2021 से जुलाई 2022 तक गोवा राज्य में कई करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इस रूपयों को गोवा विधानसभा चुनाव में आप के चुनावी अभियान में इस्तेमाल किए गए. यह आप को मिले 100 करोड़ के घोटाले में से एक था.

क्या थी नई आबकारी नीति ?

दरअसल, यह वह पॉलिसी थी, जिसके लागू होते ही दिल्ली में शराब और बीयर पर ऑफरों की झड़ी लग गई. नई आबकारी पॉलिसी के चलते दिल्ली में कई शराब के स्टोर्स पर एक बोतल की खरीद पर दूसरी मुफ्त में मिल रही थी. कुछ जगहों पर तो एक पेटी खरीदने पर दूसरी पेटी फ्री मिल रही थी. इस ऑफर की वजह से दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं. शराब की दुकानों पर इतनी भीड़ बढ़ गई कि कई जगहों पर पुलिस की मदद लेनी पड़ी.

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17 नवंबर 2021 को लागू हुई थी नई एक्साइज पॉलिसी

बता दें कि दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी 7 नवंबर 2021 को लागू हुई थी, जिसके बाद शराब बिक्री के नियम बदल गए. दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी के तहत शराब स्टोर्स को अधिकार था कि ग्राहकों को लुभाने के लिए वे गिफ्ट और डिस्काउंट दे सकते हैं. जबकि इससे पहले की आबकारी नीति के तहत शराब के दाम सरकार तय करती थी, जिस कारण दुकानदार इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते थे और एक बोतल के साथ दूसरी फ्री जैसी कोई स्कीम नहीं थी.

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