‘जनता की अदालत’ में केजरीवाल ने कही खरी – खरी, ‘मुझे CM की कुर्सी की भूख नहीं’
सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल आज यानी रविवार को जंतर – मंतर पर आयोजित जनता की अदालत में शामिल हुए. इसके साथ ही वह दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों की भी शुरूआत कर रहे हैं. इस दौरान केजरीवाल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि, “इन नेताओं (बीजेपी) को केस और मुकदमों का फर्क नहीं पड़ता, इनकी चमड़ी मोटी है. हालांकि, मैं ऐसा नहीं हूं. मैं नेता नहीं हूं, मेरी चमड़ी मोटी नहीं है. मुझे झूठे केस लगने से फर्क पड़ता है. मुझे चोर और भ्रष्टाचारी कहा जाता है तो फर्क पड़ता है. मैं बहुत दुखी हूं इसलिए इस्तीफा दिया. मैंने अपने जीवन में केवल इज्जत और ईमानदारी कमाई है. मेरे बैंक में कोई पैसा नहीं है.”
इसके आगे बोलते हुए केजरीवाल ने कहा है कि, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है. आज यहां जंतर-मंतर पर पुराने दिन याद आ गए. मुझे आज भी तारीख याद है, 4 अप्रैल 2011 का दिन था जब आज़ाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अन्ना आंदोलन यहां से शुरू हुआ था. उस वक्त की सरकार हमें चैलेंज करती थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ और जीतकर दिखाओ. चुनाव लड़ने के लिए पैसा, गुंडे, आदमी चाहिए थे और हमारे पास यह सब नहीं था. हमारे पास न पैसा था न आदमी थे न गुंडे थे, हम चुनाव कैसे लड़ते, फिर हम चुनाव लड़ लिए और जनता ने हमें जिता दिया… देश में हमने 2013 में साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और ईमानदारी से चुनाव जीते भी जा सकते हैं.”
”मुझे सत्ता का लालच नहीं है”
केजरीवाल ने अपने इस्तीफे पर बोलते हुए कहा है कि, ”मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सत्ता का लालच, CM की कुर्सी की भूख नहीं है. मैं पैसे कमाने नहीं आया, पैसे कमाने होते तो मैं इनकम टैक्स की नौकरी करता था, उसमें करोड़ो रुपए कमा लेता बल्कि हम तो देश के लिए आए थे.”
”मैनें अपनी जिंदगी में केवल इज्जत कमाई है”
उन्होंने कहा है कि, “मोदी जी ने हमारे ऊपर देश का सबसे कठोर कानून लगाया, PMLA कानून, इसमें बेल भी नहीं मिलती लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हम सभी को बेल दे दी… मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता. काम करना तो दूर की बात, मैं इस दाग के साथ जी भी नहीं सकता. उन्होंने कहा कि, मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत कमाई है… आज जब मैंने इस्तीफा दिया है, कुछ दिन में मैं मुख्यमंत्री आवास खाली कर दूंगा, आज दिल्ली में मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है… मैंने दस साल में केवल आपका आशीर्वाद कमाया है…”
केजरीवाल ने मोहन भागवत से पूछे पांच सवाल
केजरीवाल ने संघ प्रमुख से पांच सवालों को जवाब मांगते हुए सवाल किये हैं. कहा कि,”RSS वाले कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं. पूरे सम्मान के साथ मैं मोहन भागवत जी से पांच सवाल पूछना चाहता हूं- 1. जिस तरह से मोदी जी पार्टियों को तोड़ रहे हैं और देश भर में सरकारों को लालच देकर या ED और CBI की धमकी देकर गिरा रहे हैं, क्या यह सही है ?, 2. मोदी जी ने अपनी पार्टी में सबसे भ्रष्ट नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें वे खुद भ्रष्ट कहते हैं, क्या आप ऐसी राजनीति से सहमत हैं ?, 3. भाजपा RSS की कोख से पैदा हुई है, भाजपा को गुमराह न होने देना RSS की जिम्मेदारी है, क्या आपने कभी मोदी जी को गलत काम करने से रोका है ?
इसके आगे केजरीवाल ने पूछा कि, 4. लोकसभा चुनाव के दौरान जेपी नड्डा ने कहा था कि उन्हें RSS की जरूरत नहीं है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वह मां को ही आंखें दिखाने लगा है ? बेटा मातृ संस्था के प्रति अपनी नाराजगी दिखा रहा है. क्या आपको दुख नहीं हुआ जब उसने ऐसा कहा ?, 5. आप लोगों ने कानून बनाया था कि नेता 75 साल के बाद रिटायर हो जाएंगे… अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा. जो बात आडवाणी जी पर लागू होती है, वह मोदी जी पर क्यों नहीं लागू होगी ?…”
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70 विधानसभाओं में लगाई जाएगी जनता की अदालत
गौरतलब है कि, आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल ने सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जनता की अदालतों का गठन किया है. इस दौरान वह लोगों से पूछेंगे कि, क्या आम आदमी पार्टी की सरकार ईमानदारी से काम करती है ? वह भी पूछेंगे कि क्या लोग उन्हें ईमानदार समझते हैं ? 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनके पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया. 15 सितंबर को उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने की घोषणा की और 17 सितंबर को पद छोड़ दिया था. अरविंद केजरीवाल ने आपके कार्यकर्ताओं को बताया कि जब तक वे जनता की अदालत में ईमानदार साबित नहीं हो जाते है, तब तक वे दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे.