वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में पिछले दिनों सामने आए ताला बंद मंदिर का दरवाजा अब खुल गया है. सिद्धेश्वर मंदिर का दरवाजा खुलने के साथ मंदिर में महादेव के शिवलिंग की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है. बुधवार को प्रशासन और पुलिस की टीम ने भारी फोर्स के बीच मंदिर का ताला तोड़कर उसमें साफ सफाई शुरू कराई तो महादेव का शिवलिंग सामने आ गया. जिसके बाद हर हर महादेव के जयघोष से पूरा इलाका गूंज उठा.उधर, प्रशासन ने भी मंदिर में साफ सफाई के लिए नगर निगम की एक टीम को लगाया है जो मंदिर से मलवा साफ करने में जुटा है. इसके अलावा मौके पर शांति व्यमवस्थाद बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ पीएसी तैनात की गई है.
बताया जा रहा है साफ सफाई के बाद जल्द ही इस मंदिर में पूजा शुरू हो सकती है.
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सनातन रक्षक दल ने सामने लाया था मंदिर
सिद्धेश्वर मंदिर में पूजा के लिए सनातन रक्षक दल के अलावा अन्य हिंदूवादी संगठन के लोग भी सामने आए थे. विश्व हिन्दू सेना ने भी यहां पूजा पाठ कराने के लिए पुरोहित के नियुक्ति की बात कही थी.
बताते चलें कि इस मंदिर को लेकर सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि सिद्धेश्वर मंदिर सार्वजनिक स्थान पर है इसलिए उसपर कोई अपना मालिकाना हक नहीं जता सकता. उन्होंने दावा किया है कि मकान के पक्की नकल के कागजों में भी मंदिर के निजी प्रॉपर्टी होने के कोई सबूत नहीं है. इन्ही सबूतों के जांच के बाद अब प्रशासन ने इस ताला बंद मंदिर का दरवाजा खुलवाया है.
जानकारी के मुताबिक मदनपुरा के जिस मकान के आगे सिद्धेश्वर महादेव का यह मंदिर है वो घर राजा महेंद्र रंजन रॉय के नाम पर था. इसे 1932 में ताज मोहम्मद को बेचा गया. हालांकि उस रजिस्ट्री में भी कहीं पर भी मंदिर का कोई जिक्र नहीं है. बता दें कि मंदिर सामने आने के बाद मीडिया और लोगों के लिए यह काैतुहल का विषय बना हुआ है.