गुलाबी पत्थरों से दमकेगा काशी विश्वनाथ धाम, जानिए और क्या है मंदिर की खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अब आकार लेने लगा है। धीरे-धीरे काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की भव्यता आकार लेने लगी है। कॉरीडोर में लगभग 1.20 लाख क्यूबिक फुट गुलाबी पत्थर लगेंगे। जिसमें 65 हजार क्यूबिक फुट पत्थर की पहली खेप पहुंच चुका है और उसे लगाने का काम भी शुरु हो गया है।
पत्थरों को जोड़ने में लोहे की पिन के बजाय पीतल के पिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा कॉरीडोर के निर्माण में मकराना के मार्बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि साल 2022 के शुरुआत में विश्वनाथ धाम आकार ले लेगा। इसे बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
मुख्यद्वार कराएगा भव्यता का अहसास
बाबा दरबार से गंगा तट तक बनाए जा रहे काशी विश्वनाथ कारिडोर की भव्यता का अहसास द्वार पर ही हो जाएगा। यह जल मार्ग से तो आकर्षित करेगा ही सड़क मार्ग से आने-जाने वालों को ठिठकने के लिए विवश कर देगा। वास्तव में काशी विश्वनाथ धाम में जाने के लिए ज्ञानवापी क्रासिंग से गोदौलिया मार्ग पर विशेष गेट बनाया जाएगा जो किसी किले का अहसास कराएगा।
लगभग नब्बे फीट चौड़े और बत्तीस फीट ऊंचे इस दो मंजिला द्वार को गोदौलिया गेट के नाम से जाना जाएगा। इसमें दोनों तरफ सुरक्षाकर्मियों के लिए मोर्चा समेत सुरक्षा के समस्त इंतजाम होंगे। परिसर में जाने वालों की यहां पूरी तरह जांच परख की जाएगी। इसके निर्माण पर लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
चार दिशाओं में होंगे चार द्वार-
अब तक काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए चार गेट थे। इसे काशी विश्वनाथ धाम के रूप में आकार दिए जाने के बाद छत्ताद्वार, सरस्वती फाटक व नीलकंठ द्वार का अस्तित्व खत्म हो जाएगा तो कई आकार भी पाएंगे। इस तरह मुख्य परिसर में जाने के लिए चार दिशाओं में चार द्वार होंगे। इनकी भी ऊंचाई बत्तीस फीट होगी।
इनके आसपास ही तीन यात्री सुविधा केंद्र भी होंगे ताकि श्रद्धालुओं की हर स्तर पर सुविधा का ख्याल रखा जा सके। कारिडोर क्षेत्र में कुल चौबीस भवन होंगे, इसमें गोदौलिया गेट भवन को भी शामिल किया गया है। इसमें ध्यान यह रखा जाएगा की इन भवनों की ऊंचाई किसी भी हाल में काशी विश्वनाथ दरबार के शिखर से ऊंची न होने पाए।
एक साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट-
काशी विश्वनाथ धाम के लिए भूमि पूजन पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले लोकसभी चुनाव से ठीक पहले किया था। हालांकि निर्माण इस साल जनवरी में शुरू हो सका। कोरोना संकट के कारण अब तक केवल ग्यारह फीसद कार्य किया जा सका है। शेष कार्य अगस्त 2021 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। इस लिहाज से दक्ष श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी गई है। अन्य राज्यों से भी कुशल कारीगर बुलाए गए हैं।
तीनों यात्री सुविधा केंद्र, मंदिर चौक व गेस्ट हाउस के निर्माण ने भी गति पकड़ ली है। करीब 345 करोड़ की लागत से बनने वाले काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की कार्यदायी एजेंसी लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता संजय गोरे के अनुसार कॉरिडोर में कुल 24 भवन बनने हैं, जिसमें से 15 में कार्य शुरू हो गया है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से मां गंगा को जोडऩे वाला मार्ग काफी हद तक बन गया है।