जंगलों में लकड़ी बीनने वाली करिश्मा ने किया मैट्रिक टॉप
अगर आपके अंदर साहस और कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो आप किसी भी बाधा को पार कर अपनी जिंदगी मं एक नया सवेरा ला सकते हैं। इंसान अगर चाहे तो क्या नहीं कर सकता है। इंसान के अंदर जो कार्य करने की क्षमता होती है वो किसी और प्राणी के अंदर नहीं होती है। अगर हम चाह ले तो दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं जिसे हम न कर सकें।
लकड़ी बीनने वाली करिश्मा ने मैट्रिक में किया टॉप
कुछ ऐसा ही कारनाम कर दिखाया है जंगल में लकड़ी और आम की गुठलिया बीनने वाली करिश्मा ने। करिश्मा ने बिना किसी पढ़ाई के साधन होने के हाईस्कूल में 91 प्रतिशत नंबर लाकर अपने मां-बाप का नाम रौशन किया है, और उन लड़कियों के लिए मिसाल बनी है जो जिंदगी में कुछ करना चाहती हैं।
पिता शहर में मजदूरी करते हैं
करिशमा के पिता शहर में मजदूरी करते हैं। करिश्मा अपनी मां के सात जंगलों में लकड़ियां और सुखी हुई आम की गुठलियां बीनती हैं। करिश्मा उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में रहती हैं। इतने अच्छे अंक हासिल करने के बावजूद करिश्मा ने तय किया है कि वो अब आगे की पढ़ाई नहीं करेंगी। बल्कि अपनी मां के साथ मिलकर जंगल से साल के बीज, कटहल और सूखे हुई आम की गुठलियों के बीनने का काम करेंगी।
Also read : कपड़ा बैंक में गरीबों को मिलता है मुफ्त में कपड़ा
घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से आगे की पढ़ाई बंद
करिश्मा आगे इसलिए नहीं पढ़ना चाहती हैं क्योंकि उनके पिता मजदूरी करते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं करिश्मा के पिता ने करिश्मा के आगे पढ़ने को लकेर कहा कि बेटी को आगे पढ़ाने के लिए उनके पास इतने पैसे नहीं है कि बेटी को किसी अच्छे स्कूल में पढ़या जा सके। जिसके बाद एक स्थानीय एनजीओ बनाबासी सेवा समिति ने करिश्मा को फ्री पढ़ाई का प्रस्ताव दिया है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)