कालेजों व यूनिवर्सिटी की कैंटीन में नहीं बिकेगा जंक फूड

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देश भर में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों की कैंटीन में अब से स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही बनाया जाएगा और बेचा जाएगा. यही वजह है कि यूजीसी ने छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कैंटीन में जंक फूड बेचने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. यह निर्देश इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की जंक फूड की रिपोर्ट पर आधारित है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह निर्देश विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की कैंटीन, जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल और आर्किटेक्चर की कैंटीन पर भी लागू किया है. इस संबंध में सोमवार को यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा है.

मोटापा और मधुमेह बड़ी समस्या

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को स्वस्थ भोजन को प्रोत्साहित करने और कैंटीन में जंक फूड बेचने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. वहीं आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, मोटापा और मधुमेह भारत में एक बड़ी समस्या है. यूजीसी ने स्वस्थ खाने की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि देश का स्वास्थ्य बेहतर हो सके. यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष जोशी ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर अनहेल्दी खाद्य पदार्थों को शिक्षण संस्थानों में बेचने पर रोक लगाने और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के कैंटीन में स्वस्थ भोजन की पेशकश करने को कहा है.

रिपोर्ट में क्या किया गया दावा

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि,’ भारत में तेजी से बढ़ते मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों की समस्या गंभीर है. हर चार में से एक व्यक्ति मोटापे या डायबिटीज का शिकार है. इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एनएपीआई ने राष्ट्रीय बहु-क्षेत्रीय कार्य योजना (एनएमएपी) के त्वरित कार्यान्वयन की मांग की है. यह योजना गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए बनाई गई थी.”

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इससे पहले भी जारी हुए थे निर्देश

यह कोई पहली बार नहीं जब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जंक फूड पर रोक लगाने और हेल्दी फूड बेचने के निर्देश दिए है. इसके पहले भी यूजीसी की तरफ से साल 2016 में इस फैसले को लेकर दिशा – निर्देश जारी किए गए थे. उस समय भी यूजीसी ने शैक्षणिक संस्थानों से अपील की थी कि, वे अपने कॉलेज की कैंटीन में जंक फूड की बिक्री न करें और उनके स्थान पर हेल्दी फूड की बिक्री पर जोर दें.

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