अखिलेश की एंट्री रोकने के लिए JPNIC किया गया सील, कहा- ”यह नकारात्मकता का प्रतीक”
जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर यूपी की राजनीति गरमा गई है. ताजा घटनाक्रम में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) में सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की एंट्री को रोकने के लिए उसे सील कर दिया गया है, साथ ही उसके बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. यूपी पुलिस ने JPNIC की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया है. इतना ही नहीं अखिलेश यादव के आवास के बाहर भी भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है, इसी बीच अखिलेश यादव के आवास पर सपा कार्यकर्ता भारी संख्या में पहुंचना शुरू हो गए हैं.
बता दें कि, आज यानी 11 अक्टूबर को जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवस पर अखिलेश यादव जेपीएनआईसी स्थित जय प्रकाश की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना चाहते हैं, लेकिन इसकी अनुमति प्रशासन ने उन्हें नहीं दी है. ऐसे में अब अखिलेश को माल्यार्पण से रोकने के लिए सपा के कार्यकर्ता भाजपा पर हमलावर हो रहे हैं और सपा नेता ने प्रदेश की योगी सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है.
एक्स पर फूटा अखिलेश का गुस्सा
भाजपा सरकार द्वारा जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा का माल्यार्पण करने से रोकने जाने को लेकर अखिलेश यादव ने अपने एक्स पर पोस्ट किया है कि,’भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है. पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है.’ सपा अध्यक्ष ने इस विषय में कई पोस्ट लिखे है, वही पिछले साल भी अखिलेश को जेपीएनआईसी जाने की अनुमति नहीं मिली थी, लेकिन वह चारदीवारी फांदकर सेंटर में घुस गया और प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था.
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टिन की चादरों से ढका गया मुख्य द्वार
गुरुवार रात गोमती नगर में जेपीएनआईसी पहुंचे अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर आरोप लगाया कि, उसने प्रवेश को रोकने के लिए मुख्य दरवाजे को टिन की चादरों से ढक दिया है. केंद्र के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “यह जेपीएनआईसी, समाजवादियों का संग्रहालय है, यहां जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा है और इसके अंदर ऐसी चीजें हैं जिनसे हम समाजवाद को समझ सकते हैं. ये टिन की चादरें लगाकर सरकार क्या छिपा रही है? क्या ऐसी संभावना है कि वे इसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं या किसी को देना चाहते हैं?”