‘पत्रकार अकेले संदेशवाहक नहीं, जिन्हें निशाना बनाया जा रहा’
मुंबई। मीडियाकर्मियों पर हमलों की शिकायतों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पत्रकार अकेले ऐसे संदेशवाहक नहीं हैं, जिन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अब समय आ गया है कि सभी पक्षकार अपनी-अपनी भूमिकाओं पर विचार करें।
पीयूष गोयल मुंबई प्रेस क्लब द्वारा एनसीपीए में आयोजित रेडइंक पुरस्कार समारोह में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले देश में मीडियाकर्मियों की स्थिति पर विमर्श के लिए ‘संदेशवाहकों को किसने मारा’ मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
पीयूष गोयल ने कहा कि ‘पत्रकार अकेले संदेशवाहक नहीं हैं, जिनपर हमला किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि समाज का एक वर्ग पत्रकारों या पत्रकारिता के खिलाफ लामबंद हो गया है। मुझे लगता है कि हम सभी को समाज के समग्र मापदंडों पर गौर करना होगा जो आज की राजनीति, पत्रकारिता और लोकसेवा से जुड़े हैं। आखिरकर कोई व्यक्ति जो कुछ अखबार, पत्रिका, 24×7 ब्रेकिंग न्यूज वाले टीवी चैनलों में लिखता, पढ़ता या दिखाता है, उसमें पूरे समाज का प्रभाव होगा।
उन्होंने कहा, ‘संभवत: इस तंत्र में हम सभी के लिए सभी पक्षकारों के लिए यह समय आ गया है कि हम बैठें और अपनी स्थितियों एवं भूमिकाओं का पुन: आकलन करें।’ केंद्रीय मंत्री ने खबरों की छपाई और टीवी पर प्रसारण से पहले आंकड़ों की सत्यता सुनिश्चित करने की भी अपील की।
गोयल ने कहा कि 24×7 की ब्रेकिंग न्यूज खोजने या हर मुद्दे को सनसनीखेज बनाने के बजाय, आपको सही आंकड़ों वाली जिम्मेदार पत्रकारिता को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए उन्होंने कहा कि ‘यह वाकई हमें सार्वजनिक जीवन में लोगों के साथ जुड़ने में, सरकार के साथ जुड़ने में और जनता को विश्वास देने में मदद करेगा।’
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन न्यूज मीडिया के लिए एक व्यवहारिक विकल्प पर काम किया जाना चाहिए ताकि निष्पक्ष खबरों के रास्ते में आर्थिक हित न आएं। चर्चा में शामिल एनडीटीवी के रवीश कुमार को ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार मिला। रवीश ने आरोप लगाया कि पत्रकारों पर बोले जा रहे हमले ‘राजनीतिक रूप से नियोजित’ हैं।
उन्होंने कहा, ‘ये लोग पत्रकारों की एक संगठित तरीके से लगातार बदनाम कर रहे हैं और एक तरह से आप पर हमला बोल रहे हैं। मैं इसे संगठित इसलिए कह रहा हूं क्योंकि कुछ हद तक हर कोई ऐसा कर रहा है। लेकिन जो सरकार के साथ हैं, उनके पास निश्चित तौर पर ज्यादा ताकत है। यदि हम इसे स्वीकार कर लेते हैं तो इससे हमारे पेशे के साथ-साथ राजनीतिक संस्कृति को भारी नुकसान होगा।’’
दिवंगत पत्रकार जगेंद्र सिंह को मृत्योपरांत रेड इंक ‘वीर पत्रकार’ पुरस्कार से नवाजा गया। अन्य 24 पत्रकारों को भी पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। जिसमें इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत को पत्रकारिता के प्रतिष्ठित रेड इंक अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके साप्ताहिक प्रोग्राम ‘अर्धसत्य’ के लिए दिया गया है जिसमें उन्होंने बुंदेलखंड के किसानों का दर्द सामने रखा था।