चुनावी फायदा लेने के लिए दलितों के साथ हमदर्दी दिखा रहे नीतीश : मांझी

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। मांझी ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया है कि बिहार सरकार दलितों के मुद्दे पर ‘घड़ियाली आंसू’ बहा रही है और एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज हुए मामलों में दोषी ठहराए जाने की दर राज्य में बेहद कम है। मांझी का यह बयान बिहार सरकार द्वारा देशी शराब और ताड़ी के उत्पादन और बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत गरीब परिवारों के लिए ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ को मंजूरी दिए जाने के बाद आया है।

चुनावी फायदा लेने के लिए नीतीश ने उठाया ये कदम

अपने संक्षिप्त शासन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण को ध्यान में रखकर कई कदम उठाए जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हालिया दलितोन्मुख रुख आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ‘राजनीतिक फायदा’ उठाने के उद्देश्य से अपनाया है। मांझी ने कहा, ‘बिहार में वर्ष 2017 तक एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज 25,943 मामले लंबित थे। इनमें से सिर्फ 89 मामलों में सजा हुई जो महज 0.34 फीसदी है। नीतीश एक दशक से ज्यादा समय से मुख्यमंत्री हैं। आंकड़े दलितों की हालत को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को खुद बयां कर रहे हैं।’

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मांझी ने इसी साल छोड़ा था एनडीए का साथ

बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसी साल 28 फरवरी को नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) का साथ छोड़ दिया था। मांझी ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव से उनके घर पर मुलाकात करने के बाद यह घोषणा की थी। मांझी और एनडीए के बीच तल्खी लंबे समय से सामने आ रही थी। जहानाबाद उपचुनाव में टिकट न मिलने के कारण मांझी एनडीए से नाराज चल रहे थे और उपचुनावों के लिए प्रचार न करने का फैसला किया था।

सतत जीविकोपार्जन योजना को दी मंजूरी

हाल ही में बिहार सरकार ने देशी शराब और ताड़ी के उत्पादन और बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत गरीब परिवारों के लिए ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ के साथ कुल 15 अजेंडों को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 26 अप्रैल को हुई राज्य कैबिनट की बैठक में इस योजना को मंजूरी मिली है। इस योजना के क्रियान्वयन में अगले तीन सालों में बिहार सरकार 840 करोड़ रूपये खर्च करेगी।

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