मल्हनी के महाभारत में उतरेंगे बाहुबली धनंजय सिंह, निर्दलीय ठोकेंगे ताल
जौनपुर। मल्हनी के महाभारत के लिए मैदान सज गया है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी ने पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव को टिकट दिया है तो दूसरी ओर जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह भी चुनाव में ताल ठोकने के लिए तैयार बैठे हैं। उन्होंने चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। सियासी गलियारे से मिल रही खबरों के मुताबिक धनंजय सिंह मल्हनी विधानसभा उपचुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे। इसके लिए उनके समर्थकों ने तैयारी तेज कर दी है।
धनंजय सिंह की बीजेपी से नहीं बनी बात
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने पिछले चुनाव में मल्हनी से चुनाव लड़े थे, लेकिन पारसनाथ यादव के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। धनंजय सिंह एक बार फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक धनंजय सिंह ने बैकडोर से बीजेपी का समर्थन हासिल करने की कोशिश की थी। धनंजय सिंह बीजेपी समर्थित निषाद पार्टी पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन बात नहीं बनी। खबरों के मुताबिक बीजेपी की जिला ईकाई ने धनंजय सिंह का खुलकर विरोध किया। बात ना बनते देख धनंजय सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। धनंजय ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।पहले ऐसी जानकारी सामने आ रही थी कि उन्हें निषाद पार्टी द्वारा मैदान में उतारा जाएगा और भाजपा उनका समर्थन करेगी। हालांकि, भाजपा धनंजय की उम्मीदवारी के लिए सहमत नहीं हुई, जिसके बाद निषाद पार्टी ने भी फैसला वापस ले लिया। धनंजय से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा, “मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने जा रहा हूं। तैयारियां जोरों पर हैं।” उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा था और निषाद पार्टी उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने की कोशिश कर रही है।
धनंजय सिंह का राजनैतिक सफर
माफिया डॉन व राजनेता ने 2002 में जौनपुर की रारी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव जीता था और 2007 में जद (यू) के टिकट पर सीट बरकरार रखी थी। साल 2009 में उन्होंने इस सीट पर अपने पिता को खड़ा कर जीत सुनिश्चित की, जबकि वे खुद बसपा में शामिल हो गए और जौनपुर से संसदीय चुनाव जीते। साल 2017 में धनंजय ने निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव ने सीट जीत ली, जबकि धनंजय दूसरे स्थान पर रहे। पारसनाथ यादव का इस साल जून में निधन हो गया और समाजवादी पार्टी ने उनके बेटे लकी यादव को सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया है।
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