जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस की बड़ी जीत, डेटा और ग्राफ़िक के साथ विश्लेषण
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) ने 42 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज की है। इस प्रदर्शन ने JKNC को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभारा है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 29 सीटों पर जीत हासिल कर विपक्ष में अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की है।
कांग्रेस को इस चुनाव में झटका लगा, क्योंकि वह केवल 6 सीटें ही जीत सकी। अन्य दलों में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) को 3 सीटें मिली हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC), सीपीआई (मार्क्सवादी), और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 1-1 सीटें जीतीं। इसके अलावा, 7 निर्दलीय उम्मीदवार भी विधानसभा में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं।
महिला विधायकों का कमजोर प्रतिनिधित्व
हालांकि चुनाव परिणाम प्रभावशाली रहे हैं, लेकिन महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व फिर से कमजोर दिखाई दिया। कुल 90 सीटों में से सिर्फ 3 महिला विधायक चुनी गई हैं, जो पिछले चुनावों के मुकाबले कोई खास सुधार नहीं दिखाती है।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले विधायक
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 10% विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है, जिसमें से 9% विधायक गंभीर आपराधिक मामलों में शामिल हैं। यह संख्या पिछले चुनावों के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है।
सबसे अमीर और गरीब विधायक
कांग्रेस के तारेक हामिद कार्रा सबसे अमीर विधायक के रूप में उभरे हैं, जिनकी संपत्ति ₹148 करोड़ से अधिक है, जबकि AAP के महराज मलिक सबसे गरीब विधायक हैं, जिनकी संपत्ति ₹29,070 है।
निर्दलीय विधायकों का बढ़ता प्रभाव
इस चुनाव में 7 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जो पिछले चुनावों की तुलना में अधिक है। इन विधायकों की संपत्ति भी करोड़ों में है, जिससे उनके बढ़ते प्रभाव का संकेत मिलता है।
शैक्षिक योग्यता और आयु वर्ग
चुनाव में 70% विधायक स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री धारी हैं। इनमें से 32 विधायक ग्रेजुएट प्रोफेशनल हैं, जबकि 12 पोस्ट-ग्रेजुएट और 3 डॉक्टर हैं। अधिकतर विधायक 51-60 वर्ष की आयु के हैं, और औसत आयु 56 वर्ष है।
हारने वाले प्रमुख नेता
JKPDP प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती जैसी दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए बड़ी सफलता पाई, जबकि अन्य पार्टियों को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी।