जम्मू-कश्मीर: उमर अब्दुल्ला ने सीएम और सुरिंदर चौधरी ने ली डिप्टी सीएम की शपथ
जम्मू- कश्मीर: उमर अब्दुल्ला ने जम्मू के नए सीएम पद की शपथ ले ली है. लेकिन उन सब के बीच सबसे ज्यादा अगर चर्चा हो रही है तो वह है सुरिंदर चौधरी जिन्हें अब्दुल्ला ने डिप्टी सीएम बनाया है. शपथ ग्रहण से पहले उमर अब्दुल्ला ने शेख मुहम्मद अब्दुल्ला के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी सरकार में शामिल नहीं हुई है. कांग्रेस ने उमर सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला लिया है.
इन लोगों ने ली मंत्री पद की शपथ…
बता दें कि अब्दुल्ला के साथ उनकी कैबिनेट में आज कई मंत्रियों ने शपथ ली है. इसमें सुरिंदर चौधरी, सतीश शर्मा, सकीना इटू, जावेद राणा ने मंत्री पद की शपथ ली. सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम बनाए गए हैं.
शपथ समारोह में यह दिग्गज रहे उपस्थित…
बता दें कि अब्दुल्ला के शपथ समारोह में इंडिया गठबंधन के कई दिग्गज नेता पहुंचे . कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ,केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव कार्यक्रम में मौजूद रहे.
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क्यों मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई कांग्रेस…
बता दें कि मंत्रिमंडल में कांग्रेस के शामिल न होने की फिलहाल यह वजह सामने आई है. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने आज कहा कि कांग्रेस पार्टी फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्रालय में शामिल नहीं हो रही है. कांग्रेस ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की जोरदार मांग की है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भी कई बार सार्वजनिक बैठकों में इसका वादा किया है लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया है. हम नाखुश हैं इसलिए फिलहाल हम मंत्रालय में शामिल नहीं हो रहे हैं. JKPCC प्रमुख ने कहा और कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रखेगी.
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2019 के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को बहुत जख्म लगे : महबूबा मुफ्ती
अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “जम्मू-कश्मीर को बहुत सालों के बाद अपनी एक सरकार मिली है. लोगों ने एक स्थिर सरकार चुनी है. जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत मुश्किल दौर है. 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को बहुत जख्म लगे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि जो सरकार बनी है वो सबसे पहले इन जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी. 5 अगस्त 2019 के फैसले से जो लोगों को तकलीफ हुई है उसके बारे में सबसे पहले प्रस्ताव पास करें और उस फैसले की निंदा करें.