जांबाज रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं जगविंदर पटियाल
वैसे तो बहुत से पत्रकार है जो अपने रिपोर्टिंग के अंदाज से लोगों को आकर्षित कर लेते है लेकिन आज हम उस पत्रकार की बात करने जा रहे है जो जान पर खेलकर जांबाज रिपोर्टिंग करते हैं। इनका नाम है जगविंदर पटियाल।
जगविंदर पटियाल ने हमेशा ही अपनी रिपोर्टिंग का लोहा मनवाया है। चाहे पंचकुला हिंसा का मामला हो या बहादुर विंग कमांडर की रिहाई का, सभी मामलों में जगविंदर पटियाल की रिपोर्टिंग शानदार रही।
जलती सड़कों पर की रिपोर्टिंग-
2017 में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ बलात्कार मामले में फैसले वाले दिन जब पंचकुला हिंसा की चपेट में था, तब सड़कों पर जलती गाड़ियों के बीच जगविंदर ने ग्राउंड-जीरो से अंकित गुप्ता के साथ गजब जांबाज़ रिपोर्टिंग की थी।
जाबांज विंग कमांडर अभिनन्दन की रिहाई वाले दिन भी सुबह से शाम तक जगविंदर पटियाल मैदान पर डटे रहे। सुबह लेकर रात में जब तक अभिनंदन को छोड़ा गया तब तक जगविंदर टीवी पर लेटस्ट अपडेट्स देते रहे।
पंजाब चुनाव के दौरान जगविंदर ने केजरीवाल, सिद्धू सहित कई नेताओं के इंटरव्यू लिए। मौज ले-लेकर बोलती बंद कर देने इनकी कला है। जगविंदर जिस अंदाजेबयां और शानदार सवालों के साथ इंटरव्यू लेते है, वह उन्हें सबसे अलग बनाता है।
ऐसा रहा करियर-
जगविंदर ने अपने करियर की शुरुआत एक अखबार इंडियन एक्सप्रेस से की थी। इसके बाद उन्होंने जनसत्ता, दैनिक भास्कर और अमर उजाला में काम किया।
उसके बाद, 2005 को उन्होंने स्टार-न्यूज ज्वाइन किया और पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के हेड कोरेस्पोंडेंट बने। उन्होंने 2008 में जगविंदर स्टार न्यूज के वरिष्ठ संपादक और 2015 में एग्जीक्यूटिव एडिटर के पद पर प्रमोट हुए।
जगविंदर पटियाल को पंचकूला हिंसा के दौरान ऑन द स्पॉट रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारिता के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
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