इटली ने पिछले साल इतालवी विद्वान गिउलियो रेजेनी का उत्पीड़न करने के बाद हत्या कर दिए जाने के अनसुलझे मामले में प्रगति का हवाला देते हुए मिस्र के साथ एक बार फिर से राजनयिक संबंध कायम करने का फैसला किया है। मीडिया के मुताबिक, हालांकि इस फैसले का मृतक के माता-पिता, मानवधिकार संगठनों ने विरोध किया है, लेकिन सांसदों ने मंगलवार को कहा कि यह फैसला क्षेत्र में रणनीतिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, विशेषकर इटली में भारी संख्या में आव्रजन जैसे मामले से निपटने के लिए लीबिया के साथ काम करने की जरूरत है।
मिस्र से बात नहीं करने की अनुमति नहीं देता है
सीनेट के विदेश संबंधी समिति के अध्यक्ष पियर फर्डिनांडो कैसिनी ने कहा, “यह फैसला करना तकलीफदेह था, लेकिन लीबिया मुद्दा हमें मिस्र से बात नहीं करने की अनुमति नहीं देता है।”
read more : जर्मनी एयरलाइंस, एयर बर्लिन होगा दिवालिया
मामले पर प्रकाश डालने के लिए प्रतिबद्ध
रेजेनी के माता-पिता इटली की सरकार के इस फैसले से नाराज हैं।हालांकि, राजदूत गियामपाओलो को मिस्र भेजने की घोषणा करने वाले इटली के विदेश मंत्री एंजेलिनो अल्फानो ने अपने बयान में कहा कि इटली सरकार रेजेनी की त्रासद मौत के मामले पर प्रकाश डालने के लिए प्रतिबद्ध है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के डॉक्टरेट छात्र रेजेनी मिस्र में श्रमिक आंदोलन पर शोध कर रहे थे। 25 जनवरी 2016 की रात को उन्हें अगवा किया गया था। तीन फरवरी को उनका जला और क्षत विक्षत शव काहिरा में सड़क पर पाया गया था।
हत्या मामले में इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया
इटली की मीडिया ने सोमवार को सरकार के हवाले से बताया कि मिस्र के अभियोजकों ने इस संबंध में महत्वपूर्ण सबूत दिए हैं और जिससे राजनयिक संबंधों की फिर से बहाली का रास्ता खुला। मीडिया ने बताया कि प्रधानमंत्री पाओलो जेंटिलोनी ने सोमवार रात रेजेनी के माता-पिता से बात की और उन्हें उनके बेटे की हत्या मामले में इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)