दो महत्वपूर्ण प्रक्षेपण लांच कर एक बार फिर इतिहास रचेगा इसरो …
पहली बार ISRO संग NASA करेंगे साथ कार्य
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अभियान रिसर्च सेंटर एक बार फिर इतिहास रचने की ओर कदम बढ़ा रहा है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो एक बार फिर से दिसंबर और नवंबर के बीच होने वाले दो महत्वपूर्ण प्रक्षेपण करेगा। जानकारी के मुताबिक इसरो एक एजेंसी का वर्क हॉर्स और पीएसएलवी और दूसरा जीएसएलवी mk2 है इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि पृथ्वी के अवलोकन के लिए नासा के साथ मिलकर इसे लॉन्च किया जाना है।
दोनों प्रक्षेपण की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के लिए निशार की टेस्टिंग जारी है। आपको बता दें कि निसार एकदम पृथ्वी कक्षा वेधशाला है जिसे नासा की जेट पापुलेशन लाइव साल और नासा की तरफ से संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इतिहास में यह पहली बार है जब दोनों एजेंटीयों ने पृथ्वी अवलोकन के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाकर इसे सफलतापूर्वक लॉन्च करने का निर्णय लिया। इसरो के के आस सोमनाथ का कैद है कि अगली तिमाही या नहीं 2024 के प्रथम तिमाही पर इसे लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है क्योंकि इसको इच्छित कक्षा में स्थापित होने के बाद एन आई एस आर के विज्ञान संचालन शुरू होने में 90 दिन लगेंगे।
क्या करेगा निसार
पृथ्वी अवलोकन उपग्रह नासा इसरो सिंथेटिक रिसर्च को धरती पर वनों और आदर भूमि परिस्थितियों में बदलावों के वैश्विक कार्बन चक्र पर पड़ने वाले असर तथा जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करेगा। निसार की अत्याधुनिक राडार प्राणियों हर 12 दिन में दो बार पृथ्वी के लगभग पूरी जमीन और बर्फ से ढकी सात को स्कैन करेंगी।
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पीएसएलवी से लांच होगा Xposet
इसरो के ने कहा कि पीएसएलवी एक्सपोजिट लॉन्च करेगा या साइंटिफिक और कमर्शियल पोलैंड ले जाने वाला पी ओ आई एम होगा। उन्होंने बताया कि इसका वाइब्रेशन टेस्ट शुक्रवार से शुरू हो चुका है एक्सपो सेट एक सरिता कंडीशन में उज्जवल खगोली स र स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला समर्थित पोलरिमेंट्री मिशन है।