Israel-Iran Tension:अमेरिकी खुफिया एजेंसियो का दावा : ईरान अगले 24 घंटों में कर सकता है इजराइल पर हमला
इजराइल-ईरान के बीच युद्ध कभी भी भड़क सकता है. वहीं ईरान के हमले को लेकर अमेरिकी खुफिया एंजेंसियो ने जानकारी भी दी है. इसी बीच लेबनान के चरमपंथी संघठन हिजबुल्लाह ने इजराइल पर बड़ा हमला किया है. बता दें कि इजराइल की ओर ईरान की प्रॉक्सी हिजबुल्लाह ने करीब 40 रॉकेट दागे हैं. हालांकि इजराइल के आयरन डोम सिस्टम ने सभी मिसाइलों को नष्ट कर दिया है. इसका एक वीडियो इजराइल की ओर से जारी भी किया है. वहीं इससे दुनिया में डर का माहौल है. वहीं इस हमले के बाद अमेरिका के स्टॉक मार्केट में कुछ समय के लिये गिरावट देखी गई थी.
WATCH: the Iron Dome intercepts a barrage of rockets fired at northern Israel just now pic.twitter.com/AZfIOKFtlB
— Israel War Room (@IsraelWarRoom) April 12, 2024
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राष्ट्रपति बाइडेन ने ईरान को बोला ‘डोन्ट’
अमेरिका के राष्ट्रपति ने ईरान के सम्भवित हमले को लेकर बोला कि ऐसा न करें. अमेरिका इजराइल के लोगों के साथ खड़ा है और हर तरीके से उनकी मदद करने के लिये तैयार है. वहीं उन्होंने दावा किया है कि ईरान का हमला देरी के बजाए जल्दी होने की संभावना अधिक है.
ईरान ने 100 से अधिक क्रूज मिसाइलों को किया एक्टिवेट
अमेरिकन खुफिया एजेंसियों का दावा है कि ईरान ने अपने 100 से अधिक क्रूज मिसाइलों को एक्टीवेट कर दिया है. वहीं उन्होंने दावा किया है कि ईरान यह मिसाइल इजराइल के खिलाफ प्रयोग कर सकता है. अगर ईरान ऐसा करता है तो इन मिसाइलों को रोकने के लिये इजराइल के आयरन डोम सिस्टम कारगर साबित नहीं होंगे. हालांकि इजराइल अमेरिका के पैट्रियोट डिफेंस सिस्टम का प्रयोग कर सकता है. लेकिन एक भी मिसाइल को नष्ट न करने की स्थिति में इजराइल को भारी जान-माल का नुकसान होने की संभावना है.
इजराइल से सटे इलाकों में रूस ने भी तैनात किये अपने सैनिक
रूस की ओर से एक विडियो साझा किया गया जिसमें इजराइल के गोलन हाइट्स के सटे इलाकों में रूस के सैनिक तैनात हो गये हैं. बता दें कि इजराइल ने युद्ध के दौरान सीरिया का यह हिस्सा रणनीतिक लोकेशन के कारण अपने कब्जे में ले लिया था. बता दें कि रूस की सेना सीरिया में लंबे समय से तैनात है. मिडिल ईस्ट में स्प्रिंग मूवमेंट के बाद से ही मिडिल ईस्ट के कई देशों में तख्तापलट हुए थे. हालांकि रूस और ईरान की मदद से सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार तख्तापलट होने से बच गई थी. वहीं इजराइल के बार्डर से सटे इलाकों में रूस के सैनिकों की मौजूदगी युद्ध को भड़काने का काम कर सकती है.
मिडिल ईस्ट में चरम पर है तनाव
वहीं इजराइल-ईरान युद्ध की सम्भावनाओं को देखते हुए मिडिल ईस्ट में एक बार फिर युद्ध भड़क सकता है. किसी भी देश के द्वारा लिया गया एक फैसला कई देशों को इसमें शामिल कर सकता है. इजराइल और ईरान के अलावा सीरिया, लेबनान, अमेरिका, रूस आदि देश भी इस युद्ध में सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल हो सकते हैं. वहीं भारत समेत दुनिया के देशों में तेल के दाम महंगे हो सकते हैं.
भारत ने भी जारी की एडवाइजरी
दो दिन पहले भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई थी कि इजराइल और ईरान में यात्रा करने से बचें. वहीं वहां मौजूद भारतीयों को दूतावास के संपर्क में रहने को कहा गया है. हालांकि विपक्ष ने इस पर सरकार पर प्रश्न उठाए हैं. ओवैसी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि हजारों की संख्या में भेजे गये मजदूरों का क्या होगा. सरकार उन्हें इजराइल से वापस लाने के लिये क्या कदम उठा रही है.