क्या भारत सहित तमाम देशों पर फिरौती वायरस का एक और हमला होने वाला है?

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शुक्रवार को भारत सहित 150 से ज्यादा देशों पर फिरौती के लिए जो बड़ा साइबर हमला हुआ है, वैसा ही एक और हमला सोमवार को भी होने की चेतावनी जारी की गयी है। यूरोपीय यूनियन की एजेंसी यूरोपोल के प्रमुख रॉब वेनराइट ने कहा है कि शुक्रवार के साइबर हमले ने 150 देशों के दो लाख से ज्यादा सिस्टम को प्रभावित किया है। उनका कहना है कि  सोमवार सुबह जब आफिस आदि खुलेंगे तब भी एक और हमले की आशंका बनी हुई है और यूरोपोल चिंतित है।

आपको बता दें कि इस फिरौती वायरस के हमले में इसने यूजर्स की फाइलों पर कंट्रोल कर लिया और उनसे धन की मांग की है। इसीलिए यूरोपोल के सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक और हमला हो सकता है और हो सकता है कि इसे रोकना मुमकिन न हो। शुक्रवार को हुए हमले के बाद शनिवार और रविवार को कार्यालय बंद रहे, इसलिए क्षति की व्यापक जानकारी नहीं आ पायी होगी पर मवार को जब कार्यालय खुलेंगे तो साइबर हमले से प्रभावितों संख्या में खास इजाफा देखने को मिल सकता है।

मजे की बात है कि इस फिरौती वायरस हमले के बाद विश्व के कुछ पीड़ितों में से ‘कुछ’ ने भुगतान भी कर दिया है। दरअसल यह रैनसमवेअर का महाहमला था और कारोबारियों, संस्थानों के इससे पीछा छुड़ाने में पसीने निकल रहे हैं। रविवार को विश्वस्तर पर लगातार दूसरे दिन भी  टेक्निकल स्टाफ कंप्यूटरों को रीस्टोर करने और बाकियों को सुरक्षा के लिहाज से और चुस्त-दुरुस्त बनाने में युद्धस्तर पर जुटे रहे।  यही वजह है कि कंपनियों और संस्थानों में डर है कि सोमवार को कंप्यूटरों को खोलने पर फिर से रैनसमवेअर का हमला न हो जाए जिसने कार फैक्ट्रियों, अस्पतालों, दुकानों और स्कूलों की गतिविधियों पर अचानक ब्रेक लगा दिया है।

इस बारे में अलग अलग रिपोर्टें आ रही हैं। ब्रिटिश साइबर विशेषज्ञों की मानें तो सोमवार को जब कंप्यूटर खोले जाएंगे तो हो सकता है कि वहां सबसे बुरा दिन देखने को मिले। सिंगापुर के एक सिक्यॉरिटी विशेषज्ञ क्रिस्चियन करम ने कहा, ‘इसके बारे में कल (सोमवार) सुबह बहुत कुछ सुनने को मिलेंगे जब यूजर्स दफ्तर आएंगे और शायद फिशिंग ईमेल्स के शिकार बन जाएंगे।’

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साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स की मानें तो 1 लाख से ज्यादा कंप्यूटरों को लॉक कर देनेवाले वानाक्राइ नाम के रैनसमवेअर के फैलने की गति थोड़ी थमी तो है, लेकिन इससे बहुत कम वक्त तक राहत मिल सकती है। एक्सपर्ट्स की चेतावनी है कि रैनसमवेअर के नए वर्सन आ सकते हैं।

हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले महीने ही कुछ सुरक्षा पैचेज रिलीज किए थे। उसने शुक्रवार को भी इसे जारी किया ताकि उस गड़बड़ी को दुरुस्त किया जा सके जिसकी वजह से पूरे नेटवर्क में वॉम फैल जाता है। यह वॉम दुर्लभ और ताकतवर है जिसने शुक्रवार को पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया।

यहां यह बताना सभी को जरूरी है कि  रैन्समवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो कंप्यूटर को प्रभावित करता है। फिरौती की मांग पूरी न होने तक यह उपयोगकर्ता को कंप्यूटर पर काम करने से रोक देता है। वॉनाक्राई या वॉनाक्रिप्ट नामक रैन्समवेयर प्रोग्राम माइक्रोसॉफ्ट विंडो सिस्टम की कमजोरियों का लाभ उठाकर घुसपैठ करता है।

अब यह साफ हो गया है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) से चोरी किये गये ‘साइबर हथियारों’ का इस्तेमाल कर भारत सहित करीब 150 देशों पर व्यापक स्तर पर साइबर हमले किये गये। यह अब तक रिकार्डेड सबसे बड़ा साइबरअटैक है। रैन्समवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिससे एक कम्प्यूटर में वायरस घुस जाता है और यूजर तब तक इसे खोल नहीं पाता जब तक कि वह इसे

‘अनलॉक’ करने के लिए रैन्सम (फिरौती) नहीं देता। यूएससीइआरटी ने कहा कि व्यक्ति और संगठनों से फिरौती नहीं देने की अपील की जाती है क्योंकि इसके बाद भी यह गारंटी नहीं है कि वह अपने कम्प्यूटर को खोल पायेंगे। इसके अनुसार, जब कोई सॉफ्टवेयर पुराना होता है या फिर ‘अनपैच्ड’ (सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण ताजा कम्प्यूटर प्रोग्राम से विहीन) होता है तो रैन्समवेयर उस पर आसानी से हमला कर सकता है।देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार को जब कार्यालय आदि खुलेंगे तब वहां का माहौल कैसा होगा।

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