ईरानी पत्रकार नरगिस मोहम्मदी को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार…
साल 2023 के शांति पुरस्कार का ऐलान कर दिया गया है। इसके साथ ही इस साल का शांति पुरस्कार ईरान की महिला पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता नर्गिस मोहम्मदी को दिया जाएगा। आपको बता दें कि, साल 2016 से नर्गिस जेल में कैद है, उन्हें ईरानी महिलाओ के उत्पीड़न के खिलाफ विऱोध करने और मानवाधिकारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करने को लेकर यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।
16 साल की सजा काट रही है नर्गिस
2015 मई को नर्गिस को गिरफ्तार किया गया था, उनपर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के विरोध में होने वाले जमावड़े और साजिश में शामिल होने’ की आरोप लगाया गया था, इसके साथ ही राज्य में विवाद फैलाने का भी आरोप लगाया गया था। दरअसल, नर्गिस ‘स्टेप बाय स्टेप टू स्टॉप द डेथ पेनल्टी’ ग्रुप का हिस्सा थीं, जो ईरान में मौत की सजा दिए जाने के विरोध में काम करता था। अब इस ग्रुप पर बैन लगा दिया गया है। 2015 में नरगिस को 16 साल की सजा सुनाई गई थी।
आखिर कौन है नर्गिस मोहम्मदी
21 अप्रैल 1972 को कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में नर्गिस का जन्म हुआ था। नोबेल प्राइज की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नर्गिस ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर के खिलाफ काम करने वाली संस्था की उपाध्य़क्ष है। जिसके चलते उन्होने ईरान की महिलाओं की आजादी और हक लिए आवाज उठाई थी, इस संघर्ष का हर्जाना नर्गिस व्यक्तिगत कीमत चुका कर रही है। बता दें कि, ईरान में उन्हें अब तक 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है, फिलहाल वे 2016 से जेल में बंद है। पांच बार दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है।
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8 साल से अपने बच्चों से नहीं मिली नर्गिस
ईरान सरकार के खिलाफ प्रचार करने के आरोप में नर्गिस को गिरफ्तार किया गया था, एक इंटरव्यू में नर्गिस बताती है कि, वे एक लम्बे समय से अपने परिवार से दूर है, उनसे मुलाकात नहीं हुई है और इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि, उन्होने 8 सालों से अपने बच्चे तक को नहीं देखा है। आखिरी बार अपनी जुड़वां बेटियों अली और कियाना की आवाज एक साल पहले सुनी थी. नर्गेस की दोनों बेटियां उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रहती हैं।