International Happiness Day: खुशहाल देशों की श्रेणी में पिछड़ा भारत, हासिल किया ये स्थान…
International Happiness Day: 20 मार्च को दुनियाभर में इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया जाता है. इस साल भी हर साल की तरह ही यूएन ने अपनी हैप्पीनेस इंडेक्स की सूची जारी की है. जिसमें भारत ने पीछे रहते हुए 126 वां स्थान हासिल किया है. वहीं आपको बता दें कि यूएन द्वारा जारी की जाने वाली हैप्पीनेस इंडेक्स सूची के जरिए लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और खुशी को प्राथमिकता देने पर जोर दिया जाता है. साथ ही रिपोर्ट यह बताती है कि, किस देश में कितने लोग खुश हैं. इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि सरकारें अपनी रणनीतियों में अपनी जनता की सुख और खुशहाली को ध्यान में रखते हुए काम करने का दावा करती है.
इस साल मनाया गया था पहला हैप्पीनेस डे
साल 2013 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गयी थी. आज यह दिवस अपने 11 साल पूरे कर चुका है. साल 2011 में यूएन एडवाइजर जेम इलियन ने यूएन की महासभा में हैप्पीनेस डे मनाने का प्रस्ताव रखा था, जो अंततः पारित हो गया था. इसके बाद यूएन ने 2012 में हैप्पीनेस पर पहली जनरल कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इस कॉन्फ्रेंस ने 20 मार्च को विश्व हैप्पीनेस दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित दिया था.
भूटान के राजा ने अंतर्राष्ट्रीय हैप्पीनेस दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था. 12 जुलाई 2012 को यूएन ने हैप्पीनेस डे मनाने का प्रस्ताव पारित किया कर दिया था. भूटान के राजा जिग्मे खेसर वांगचुक ने इस रिजॉल्यूशन की शुरुआत की थी. दरअसल, भूटान के राजा का मानना था कि देश की आर्थिक स्थिति लोगों की खुशी पर निर्भर नहीं करती थी, और वह अपनी सीमाएं विदेशियों के लिए खोल रहा था. 1970 के दशक में भूटान दुनिया का पहला देश था, जिसने जनसंख्या की खुशहाली को जीडीपी से अधिक महत्व दिया. इसलिए भूटान में आज भी हैप्पीनेस इंडेक्स बहुत महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि, भूटान हैप्पीनेस इंडेक्स के 10 टॉप देशों में शूमार रह पाता है और इसके साथ ही भूटान एशिया का सबसे खुशहाल देशों में से एक माना जाता है.
क्या है इस साल की थीम ?
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस हर साल एक अलग थीम पर आयोजित किया जाता है. इस वर्ष की थीम है ‘रिक्नेक्टिंग फॉर हैप्पीनेस बिल्डिंग रेसिलिएन्ट कम्युनिटीज’. इस विषय का उद्देश्य ऐसे लोगों को बनाना है जो मुश्किलों का सामना कर सकते हैं और खुश रहते हैं. यही कारण है कि हर साल एक नई थीम चुनी जाती है, जिससे लोगों को हैप्पीनेस डे मनाने और खुशियों पर ध्यान देने का अवसर मिलता है. साल 2023 की पिछली थीम ‘बी माइंडफुल एंड ग्रेटफुल’ थी.
कौन है दुनिया का सबसे खुशहाल देश
इंटरनेशन हैप्पीनेस डे पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी की गयी हैप्पीनेस रिपोर्ट 2024 में खुशहाल देशों में फिनलैंड ने पहला स्थान हासिल किया है. वहीं शीर्ष 10 की श्रेणी में डेनमार्क, स्वीडन और आइसलैंड जैसे अन्य देशों को शामिल किया गया है.
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खुशहाल देशों में पिछड़ा भारत
भारत विश्व खुशहाली रिपोर्ट के अनुसार 2024 में 4.054 के औसत जीवन मूल्यांकन के साथ 126 वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष की जगह पर है. पड़ोसी देश पाकिस्तान 108वें और श्रीलंका 128वें स्थान पर हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि, अब दुनिया का कोई भी सबसे बड़ा देश सबसे खुशहाल देशों में नहीं है. भारत में वृद्ध लोगों की जीवन संतुष्टि का स्तर शारीरिक स्वास्थ्य, वैवाहिक स्थिति और सामाजिक जुड़ाव से प्रभावित होता है.