नीम करौली बाबा: जानें इनके बारे में रोचक जानकारी, बॉलीवुड-हॉलीवुड स्टार्स आश्रम में लगाते हैं हाजिरी

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नीम करौली बाबा सीधे-सादे और सरल व्यक्ति थे. उनको एक चमत्कारी बाबा भी कहा जाता है. उन्हें 20 वीं सदी का आध्यात्मिक संत, महान गुरु और दिव्यदर्शी माना गया है. नीम करौली बाबा के भक्त उन्हें भगवान हनुमान जी का अवतार मानते हैं. उन्होंने अपने जीवनकाल में हनुमान जी के कई मंदिर बनवाए थे. नीम करौली बाबा पर भक्तों की गहरी आस्था और श्रद्धा है. बॉलीवुड और हॉलीवुड से लेकर कई दिग्गज स्टार्स दर्शन के लिए बाबा के आश्रम पहुंचकर हाजिरी लगाते हैं. बाबा के भक्तों ने उनके कई दिव्य और अलौकिक चमत्कारों का अनुभव किया है. देश-विदेश तक बाबा के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और आस्था है.

Neem Karauli Baba

 

आइये जानते हैं नीम करौली बाबा के बारे में रोचक जानकारियां…

नीम करौली बाबा का जन्म यूपी के अकबरपुर गांव में वर्ष 1900 के आसपास हुआ था. उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था. 11 वर्ष की बाल्यावस्था में ही बाबा का विवाह हो गया था. जब वो 17 वर्ष के हुए तो उन्हें ज्ञान-विद्या की प्राप्ति हो गई थी. बाबा नीम करौली महाराज के दो बेटे और एक बेटी हैं. उनके बड़े बेटे का नाम अनेक सिंह है, जो अपने परिवार के साथ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहते हैं. उनके छोटे बेटे का नाम नारायण शर्मा था, वो वन विभाग में रेंजर के पद पर थे. हाल ही में नारायण शर्मा का निधन हो चुका है. डायबिटिक कोमा में चले जाने के बाद 11 सितंबर, 1973 को वृंदावन के एक अस्पताल में नीम करौली बाबा ने अपने शरीर का त्याग किया था.

नीम करौली बाबा ने वर्ष 1958 में अपने घर को त्याग दिया और पूरे उत्तर भारत में साधुओं की भांति विचरण करने लगे थे. उस दौरान लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा और तिकोनिया वाले बाबा साहित कई नामों से वो जाने जाते थे. जब उन्होंने गुजरात के ववानिया मोरबी में तपस्या की थी तो वहां पर लोग उन्हें तलइया बाबा के नाम से पुकारने लगे थे.

Neem Karauli Baba

 

नीम करौली बाबा के बारे में एक किस्सा है कि वो ट्रेन के फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट में सफर कर रहे थे. इस दौरान टीसी ने टिकट दिखाने को कहा, लेकिन बाबा के पास टिकट न होने के कारण उन्हें अगले स्टेशन (नीम करौली) में उतार दिया गया. स्टेशन से कुछ दूरी पर बाबा ने अपना चिमटा गाड़ दिया और वहीं बैठ गए. इसके बाद ट्रेन को चलाने के लिए गार्ड ने हरी झंडी दिखाई, मगर ट्रेन 1 इंच भी अपनी जगह से नहीं हिली. काफी प्रयासों के बावजूद भी जब ट्रेन नहीं चली तो लोकल मजिस्ट्रेट (जो बाबा को जानता था) ने अधिकारी से कहा कि वो बाबा से माफी मांगें और उन्हें सम्मानपूर्वक अंदर लाएं. ट्रेन के बाकी यात्रियों ने भी लोकल मजिस्ट्रेट की इस बात का समर्थन किया. हालांकि, उस अधिकारी ने बाबा से माफी मांगी और उन्हें ससम्मान ट्रेन में बैठाया. जैसे ही बाबा अंदर बैठे तो ट्रेन तुरंत चल पड़ी. तभी से उनका नाम नीम करौली पड़ गया.

नीम करौली बाबा वर्ष 1961 में पहली बार उत्तराखंड के नैनीताल के पास कैंची धाम आए थे. इस दौरान और उन्होंने अपने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था. 3 साल बाद 15 जून, 1964 को नीम करोली बाबा ने इस जगह अपने आश्रम की स्थापना की थी. बाबा का समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में है. कहते हैं यहां पर जो भी अपनी मुराद लेकर आता है, वो खाली हाथ नहीं जाता. समाधि स्थल के साथ यहां बाबा की भव्य मूर्ति भी स्थापित की गई है. इसके साथ, हनुमान जी की मूर्ति भी यहां स्थापित है.

Neem Karauli Baba

 

 

नीम करौली बाबा द्वारा स्थापित किये कैंची धाम में प्रत्येक वर्ष की 15 जून को मेले का आयोजन किया जाता है. इस धाम में बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान जी का भव्य मंदिर बनवाया है. यहां पर 5 देवी-देवताओं के मंदिर स्थापित हैं. बाबा नीम करौली हनुमान जी के परम भक्त थे और उन्होंने देशभर में हनुमान जी के कई मंदिर बनवाए थे. देश-विदेश से हजारों भक्त हनुमान जी का आशीर्वाद लेने और नीम करौली बाबा की समाधि स्थल पर दर्शन के लिए आते हैं.

Neem Karauli Baba

नीम करौली बाबा के चमत्कारों पर रिचर्ड एल्पर्ड (रामदास) ने ‘मिरेकल ऑफ़ लव’ नाम की एक किताब लिखी. इस किताब में ‘बुलेटप्रूफ कंबल’ नाम से एक घटना का जिक्र है. बाबा में हमेशा कंबल ही ओढ़ा करते थे, इसलिए आज भी लोग मंदिर जाकर उन्हें कंबल भेंट करते हैं. बताया जाता है कि बाबा के आश्रम में सबसे ज्यादा अमेरिकी लोग ही आते हैं. बाबा का आश्रम पहाड़ी इलाकों में देवदार के पेड़ों के बीच स्थित है.

Neem Karauli Baba

कई दिग्गजों ने किये बाबा के दर्शन…

अमेरिकी बिजनेस टाइकून और एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स अपने दोस्त डैन कोट्टके के साथ नीम करोली बाबा से मिलने आश्रम पहुंचे थे. हालांकि, वह उनसे नहीं मिल सके, क्योंकि उनके आने से पहले ही बाबा का निधन हो गया था. बाबा नीम करौली के प्रति जॉब्स की गहरी श्रद्धा है. वे वृंदावन स्थित बाबा के कैंची धाम की यात्रा कर चुके हैं.

Neem Karauli Baba

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने नैनीताल स्थित बाबा नीम करौली के मंदिर में माथा टेकने गए थे. उन्होंने वर्ष 2015 में कैंची के आश्रम का दौरा किया था, जब फेसबुक कठिन दौर से गुजर रहा था. जुकरबर्ग हाथ में सिर्फ एक किताब लेकर वहां पहुंचे. उन्हें यहां एक दिन रुकना था, लेकिन उन्होंने दो दिन बिताए. स्टीव जॉब्स ने उन्हें आश्रम आने का सुझाव दिया था.

अमिरेकी लेखक और टेक्नोलॉजिस्ट लैरी ब्रिलिएंट भी उत्तराखंड में कैंची धाम की यात्रा कर चुके हैं. लैरी की पत्नी को भी बाबा नीम करौली के प्रति श्रद्धा है. वह बाबा के धाम में धार्मिक अवतार में नजर आई थीं.

मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स भी नीम करौली बाबा से प्रभावित थीं और उनकी वजह से हिंदू धर्म की ओर आकर्षित हुईं. वह भी मन की शांति के लिए नैनीताल स्थित बाबा के धाम की यात्रा कर चुकी हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी व बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा और बेटी वामिका कोहली के साथ बीते बुधवार की सुबह नीम करौली बाबा की समाधि के ‘दर्शन’ के लिए मथुरा के वृंदावन पहुंचे थे.

विराट और अनुष्का वहां लगभग एक घंटे तक रहे और कुटिया (झोपड़ी) में ध्यान भी लगाया. मां आनंदमयी आश्रम के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने फोटो खिंचवाई और प्रशंसकों को ऑटोग्राफ दिए.

बताया जाता है कि शर्मा परिवार कथित तौर पर नीम करौली बाबा का अनुयायी है. विराट और अनुष्का पिछले वर्ष वृंदावन में नीम करौली बाबा के प्रसिद्ध आश्रम कैंची धाम में थे.

 

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