ऐ भारत के वीर जवान तुझे कोटि कोटि नमन…
देहरादून का एक जवान भारत मां की रक्षा में बलि चढ़ गया। शहीद जिसकी एक मासूम बेटी जो पिता की मौत की खबर सुनते ही जिसके आंसू नहीं थम रहे…ये वो मंजर था जो किसी के भी कलेजे को छलनी कर रहा था। एक मासूम जिसने अपने पिता को खो दिया।
पार्थिव शरीर पर मासूम बच्ची फूट-फूटकर रो रही थी
एक मां जिसने अपने बेटा खो दिया एक पत्नी जिसने अपना सुहाग खो दिया, देश के नाम पर कुर्बान हो गया। ये वो नजारा था जब एक बेटी अपने पिता को आखिरी विदाई दे रही थी। कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए पिता के पार्थिव शरीर पर मासूम बच्ची फूट-फूटकर रो रही थी। शहीद दीपक का सैन्य सम्मान के साथ मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया।
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कश्मीर में आंतकवादियों से लड़ते हुए देहरादून का लाल दीपक नैनवाल के शहीद होने की जैसे ही खबर मिलते ही मातम पसर गया। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा था। इसके बाद शव को मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
40 दिनों तक चली जिंदगी की जंग
देहरादून के रहने वाले जवान दीपक नैनवाल पिछले महीने 10 अप्रैल को कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें गोली लगी थी, जो शरीर में फंसी हुई थी। आखिरकार 40 दिन बाद वह जिंदगी की जंग हार गए और रविवार को पुणे के पैराप्लेजिक रिहैब सेंटर में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली।
देहरादून के हर्रावाला स्थित सिद्धपुरम् में रहने वाले राष्ट्रीय राइफल्स के जवान दीपक नैनवाल वर्ष 2001 में सेना में भर्ती हुए थे। ढाई साल से वह कश्मीर के अनंतनाग में तैनात थे। मुठभेड़ में दो गोलियां दीपक नैनवाल के फेफड़े को चीरती हुई दिल के पास लगी थी, जिसके चलते उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। इसलिए उन्हें पुणे के लिए रेफर किया गया था।
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