योग गुरू ‘ननम्मल’ की कहानी

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कहते हैं इंसान के अंदर जो कला छिपी होती है वो कभी खत्म नहीं होती है। लेकिन अगर उस कला को समय रहते पहचाना नही गया तो फिर आपकी जिंदगी में उसके कोई मायने नहीं रह जाते हैं। कुछ लोग अपने अंदर के हुनर को पहचानने के साथ ही उसको पूरी जिंदगी और बेहतर बनाने की सोच और जुगत में लगे रहते हैं।

साथ ही अपने उस हुनर को दूसरे लोगों में भी जगाने की कोशिश करते हैं। इन सब के बीच कुछ लोगों का मानना है कि उम्र के साथ ही लोगों में बदलाव आने लगता है, और वो अपने हुनर से धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत से मिलवाने जा रहे हैं जो इस वहम को दूर कर खुद को अपनी बनाई हुई दुनिया में स्थापित किया है।

97 साल की ननम्मल हैं पूरी तरह फिट

हम बात कर रहे हैं भारत देश की सबसे वृद्ध योग शिक्षक वी ननम्मल की। ननम्मल की उम्र 97 साल है लेकिन वो आज भी योग के दम पर अपने शरीर को किसी भी हद तक तोड़-मरोड़ सकती हैं। ननम्मल इस उम्र की दहलीज पर पहुंचने के बावजूद भी योगा सिखाती हैं।

100 छात्रों को आज भी सिखाती हैं  योगा

इस समय वो करीब 100 छात्रों को योग सिखाती हैं। ननम्मल ने योग की मूल बातें अपने पिता से सीखी हैं। उनके पिता आठ साल की उम्र से ही एक मार्शल आर्ट कलाकार थे। बता दें कि ननम्मल ने कोयम्बटूर में 20,000 से अधिक छात्र और उत्साही लोगों को योग का प्रशिक्षण देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करवाने का प्रयास किया है।

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वर्तमान में उनका उद्देश्य महिलाओं और मुख्य रूप से कन्या छात्राओं को विशेष रूप से शादी के बाद, उनकी बहुत से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जाकर योग तकनीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

ननम्मल से योग का प्रशिक्षण लिए हुए लगभग 600 लोग आज योग प्रशिक्षक कि भूमिका में हैं और दुनिया भर को योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अभी उनके परिवार के 36 सदस्य गंभीरता से योग अभ्यास से जुड़े हुए हैं। ननम्मल का दृढ़ विश्वास है, कि यदि ‘इंसान का इरादा सही है तो फिर कोई बहाना या सीमा उसे रोक नहीं सकती है।’

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