बांग्लादेश में हिन्दूओं की चिंता करें भारत सरकारः स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती

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अखिल भारतीय सन्त समिति के महामन्त्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि हमारा पड़ोसी बांग्लादेश एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है. हसीना सरकार के त्यागपत्र और उनके देश छोड़ने के बाद संकट की इस घड़ी में भारत बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है.

दूसरी ओर बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हिन्दू व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया है. अल्पसंख्यकों की हत्याएं और महिलाओं संग दुराचार किया जा रहा है. मन्दिर और गुरुद्वारों को क्षति पहुंचाई जा रही है. बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो. ऐसे में सन्त समाज भारत सरकार से यह आग्रह करता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएं. उक्त बातें जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने वाराणसी में आज एक पत्रकार वार्ता में दी.

विश्व समुदाय मानवाधिकारों की रक्षा के लिए करें प्रभावी कार्यवाही

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू जो कभी 32 प्रतिशत थे, अब 8 प्रतिशत से भी कम बचे हैं और वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं. यह स्थिति भयावह है.ऐसे में विश्व समुदाय की यह जिम्मेवारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करें. अखिल भारतीय सन्त समिति के महामन्त्री ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हिंसा और उनके उत्पीड़न पर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष, वामपन्थी और लिबरलों की चुप्पी को भारतीय समाज देख रहा है.

खराब किया जा रहा देश का वातावरण

बांग्लादेश में पीड़ित अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने के उलट इंडी गठबन्धन के नेताओं द्वारा भारत में भी तख्तापलट करने के बयान देकर देश का वातावरण खराब किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर उत्तेजक और भड़काऊ पोस्ट लिखे जा रहे हैं. ऐसे लोगों पर प्रशासन कठोर कानूनी कार्यवाही करें. स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि निश्चय ही भारत इस परिस्थिति में आंखें मूंद कर नहीं रह सकता. भारत ने परम्परा से ही विश्वभर के उत्पीड़ित समाजों की सहायता की है.

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बांग्लादेश की सरकार धर्मनिरपेक्ष हो कर करे कार्य

अखिल भारतीय संत समिति के महामन्त्री ने कहा कि हमारी कामना है कि बांग्लादेश में जल्दी से जल्दी लोकतन्त्र स्थापित हो और वहां की सरकार धर्मनिरपेक्ष हो कर कार्य करे. वहां के समाज को मानवाधिकार मिले और बांग्लादेश की निरन्तर हो रही आर्थिक प्रगति में कोई बाधा न आए. भारत का समाज और सरकार इस विषय में निरन्तर बांग्लादेश के सहयोगी बने रहेंगे. पत्रकार वार्ता में महामण्डलेश्वर स्वामी बालकदास भी उपस्थित थे.

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