Indian Constitution Day : देश के इतिहास का सुनहरा पन्ना
26 November 1949, सही माने में मानिये तो ये देश के इतिहास का सबसे ऐतिहासिक दिन रहा। 70 साल पहले दुनिया आज के ही दिन Constituent Assembly of India ने भारत को संविधान को अपनाया था।
2015 में मोदी सरकार ने इसे संविधान दिवस के नाम से मनोनीत किया और इसके साथ ही संविधान के मोरल वैल्यूज को लोगों तक बढाने का एक रास्ता भी दिया।
आपको मालूम होगा की डॉ. भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान के ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे, और उन्हीं की देख-रेख मे संविधान का पहला ड्राफ्ट आज ही के दिन यानि 26 November पास किया गया था।
इस तरह मिला देश के संविधान को आकार-
Constituent Assembly के पास भारत के संविधान को ड्राफ्ट करने की ज़िम्मेदारी थी। पहले सेशन में 207 मेमेब्रेस ने इसे अटेंड किया था जिसमें से की 9 महिलाऐं भी थी। असेंबली के पास वैसे तो 389 मेंबर थे लेकिन आज़ादी के बाद मेंबर्स के आकड़ें घटकर 299 हो गए थे।
ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरपर्सन डॉ. भीमराव अंबेडकर Constituent Assembly के मेंबर रहे, और उन्हीं की देखरेख में देश के संविधान को आकर दिया गया था।
3 दिसंबर 1946 में जवाहरलाल नेहरु ने संविधान के ‘objective resolution’ को संविधान के प्रस्तावना के रूप में आगे बढ़ाते ही उसे देश के संविधान में अडॉप्ट कर लिया था।
तमाम डिबेट के बाद 5000 अंबेडमेंट के साथ देश के संविधान को 26 नवम्बर को अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 में देश के संविधान को औपचारिक तौर देश के सामने रखा गया था। और यही वोह दिन था जिनसे भारत को ‘पूर्ण स्वराज’ दिलाया था।
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