भारतीय सेना को मिले 331 जबाज युवा सैन्य अधिकारी, मित्र राष्ट्रों के 42 कैडेट्स भी हुए पास आउट…

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देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगाहबानी को तैयार हैं. भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आज होने वाली पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना को 331 युवा अफसरों की टोली मिल गई है. इसके अलावा सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी आइएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बने हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली।

परेड से परिसर में पुलिस की कड़ी सुरक्षा…

परेड से पहले परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह छह बजे परेड शुरू हुई. जिसक बाद युद्ध स्मारक पर 331 जेंटलमैन कैटेड्स ने आज भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय सेना की समृद्ध कायम रखने और राष्ट्र का झंडा हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प लिया. परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई। कैडेट्स, अभियांत्रिक प्रशिक्षण के लिए देश के विभिन्न सैन्य अभियांत्रिक संस्थान, मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेजों और 3 वर्षो के बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कमीशन पाते है. इसके साथ ही देश और विदेश के 373 कैडेट्स अफसर बनकर अपनी सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़ गए. और वहीं 331 अफसर भारतीय सेना को मिले।

 2885 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग…

भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में डायरेक्ट एंट्री वाले 55 कैडेट्स शामिल हैं। जबकि, एक्स एनडीए 204 और एक्स एससी 40 कैडेट्स पास आउट हुए। 32 कैडेट्स टीजीसी कोर्स के हैं। आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 64862 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। वहीं, आईएमए के नाम अब तक 2885 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव भी जुड़ गया है।

उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य…

इस बार भी उत्तर प्रदेश हर बार की तरह सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य बना है. उत्तर प्रदेश के 63 कैडेट्स पासआउट होकर अफसर बनेंगे. जबकि, उत्तराखंड इस बार पहली बार की तुलना में दो पायदान पीछे खिसक गया है. पिछले साल जून की परेड में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या 33 थी. जो इस बार घटकर 25 रह गई है. लेकिन, आबादी के लिहाज से देखें तो इस बार भी कैडेट्स देने वालों में उत्तराखंड अव्वल है. इस साल सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार से एक भी कैडेट आईएमए से पास आउट नहीं होगा। जबकि, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिसा व पुडुचेरी से एक-एक कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बने।

युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि…

शुक्रवार को पासिंग आउट परेड से पहले कैडे्टस ने भारतीय सैन्य अकादमी स्थित युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। अकादमी कमांडेंट्स और अकादमी अंडर ऑफसर के साथ वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी।  बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी के युद्ध स्मारक का उद्घाटन 17 नवंबर 1999 को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था।

थल सेना प्रमुख की युवा अफसरों को सलाह...

सेना प्रमुख ने कैडेटों को संबोधित करते कहा. कि वह युद्ध के तेजी से बदलते स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अपने कौशल को अद्यतन करते रहें. प्रौद्योगिकी के तेज विकास के कारण युद्ध की गतिशीलता तेजी से बदल रही है. और युद्ध लड़ना अधिक जटिल हो गया है. ऐसे परिदृश्य में, तकनीकी कौशल, मानसिक चपलता, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचना और त्वरित प्रतिक्रिया सफलता की कुंजी होगी।

उन्होंने नए अधिकारियों से कहा. कि वे अपनी योग्यता को लगातार बेहतर बनाते रहें. आपकी यात्रा सेना में शामिल होने के साथ समाप्त नहीं होती है.

भारतीय सैन्य अकादमी ने खत्म की पूरानी परंपरा..

इस बार भारतीय सेना ने औपनिवेशिक या पुरानी प्रथाओं जैसे बग्घी, पाइप बैैंड आदि को समाप्त कर दिया है. रक्षा मंत्रालय के आदेश के तहत इस बार आइएमए पासिंग आउट परेड से भी घोड़ा-बग्घी की विदाई हो गई है।

किस राज्य से कितने कैडेट…

  • उत्तर प्रदेश- 63
  • बिहार- 33
  • हरियाणा -32
  • महाराष्ट्र-26
  • उत्तराखंड -25
  • पंजाब-23
  • हिमाचल प्रदेश-17
  • राजस्थान -19
  • मध्यप्रदेश-19
  • दिल्ली-12
  • कर्नाटक-11
  • झारखंड-08
  • तमिलनाडु-08
  • जम्मू-कश्मीर-06
  • छत्तीसगढ़-05
  • केरल-05
  • तेलंगाना-03
  • पश्चिम बंगाल-03
  • गुजरात-02
  • नेपाली मूल के भारतीय कैडेट -02 (त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिशा व पांडिचेरी से एक-एक कैडेट हैं

 

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