‘हमास को आतंकी संगठन घोषित करें भारत’ – इजरायल
इजरायल और हमास के बीते 7 अक्टूबर से जारी युद्ध के बीच इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने बुधवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों के बीच देश से जुड़े युद्ध के मुद्दे पर चर्चा की, इस दौरान इजरायल राजदूत नें कहा कि, ”भारत हमास को आतंकवादी समूह घोषित करे. भारत इजरायल का अहम सहयोगी है और वो आतंकवाद की समस्या को समझता है क्योंकि वो खुद आतंकवाद का शिकार रहा है. गिलोन ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) पर भी बात की और कहा कि संघर्ष का IMEC पर कोई असर नहीं होगा.”
वहीं मीडिया की ब्रीफिंग में इजरायल के राजदूत ने कहा कि, I2U2 (भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका) और IMEC जैसी आर्थिक परियोजनाएं पटरी पर रहेंगी और हमास के साथ युद्ध का इजरायल की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा.
क्यों हमास की शर्ते मानने पर मजबूर है इजरायल?
इसके साथ ही इजरायल के राजदूर ने भारत और इजरायल के रिश्तों को लेकर कहा है कि, ‘भारत एक बहुत करीबी सहयोगी है और भारत दुनिया में नैतिकता की अहम आवाज है. जब आतंकवाद की बात आती है, तो वह इस समस्या से भलीभांति परिचित है और जानता है कि हम किस समस्या की बात कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत कई वर्षों से आतंकवाद का शिकार रहा है.’
इसके आगे बोलते हुए गिलोन ने कहा कि, ‘दुनिया के लोकतंत्र हमारे साथ हैं. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करे. बहुत से देश पहले ही ऐसा कर चुके हैं- यूरोपीय यूनियन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया- ये देश हमास को आतंकी संगठन घोषित कर चुके हैं.’भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध इजरायल का समर्थन करते हुए 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले को आतंकी हमला करार दिया है. साथ ही, भारत ने समस्या के समाधान के लिए टू स्टेट सॉल्यूशन और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र की अपनी बात को दोहराया है.
”आतंकवाद का मुकाबला और बाकी मुद्दों पर करेंगे मिलकर काम”
वहीं भारतीय मीडिया से बातचीत के दौराम गिलोन ने कहा है कि, ‘ हमास को आतंकवादी समूह घोषित करने को लेकर उन्होंने भारत में संबंधित अधिकारियों से बात की है.उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब हमने इसके बारे में बात की है. हम दबाव नहीं डाल रहे हैं. हमारा मानना है कि यही उचित है. हमने हमास के हमले के बाद भारत के समक्ष इस मुद्दे को उठाया और अब भी हम इस पर बात कर रहे हैं. यह एक दोस्ताना बातचीत है. हम आतंकवाद का मुकाबला करने और बाकी मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं.’
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“संघर्ष इजरायल की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा।”
इजरायली राजदूत ने कहा कि हमास के साथ चल रहा संघर्ष देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं डालेगा।इजरायल का एक अद्भुत अतीत और एक उज्जवल भविष्य है,’ उन्होंने कहा। इजरायल विकास की ओर बढ़ना जारी रखेगा। अब हमें खतरे से कैसे बचना है। हम खतरे से छुटकारा पाने के बाद सामान्य जीवन में वापस आ सकते हैं।”