19 April History: आज ही दिन भारत ने अपना पहला उपग्रह लॉन्च किया था, पॉइंट में समझे पूरी कहानी
वाराणसी: हर एक दिन इतिहास के पन्नो में अपनी एक दास्तान लिखे हुआ है देश और दुनिया में हर दिन किसी न किसी खास दिन के लिए इतिहास के पन्नो में शुमार है. वैसे ही आज का दिन यानी 19 अप्रैल भारत के लिए स्मरणीय है, दरअसल आज ही के दिन भारत ने अपना पहला उपग्रह (Satellite) ‘आर्यभट्ट’ को लॉन्च कर अंतरिक्ष की दुनिया में अपने पैर रख दिए थे. यह भारत का पहल वैज्ञानिक उपग्रह था. आईये जानते है थोड़ा सा इसके बारे में…
आज भारत दुनियाभर में अपने ‘Space Mission’ को लेकर दुनियाभर में अपना परचम लहरा रहा है. अब वो चाहे मंगल की घरती पर पहले अटेम्प्ट में पहुंचना हो, या हो चाँद के नार्थ पोल में जाने की बात, आज दुनियाभर के पास इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी होने के बाद भी आज दुनिया के कई बड़े देश भारत से अपने ‘Space Satellite’ (उपग्रह) को लॉन्च करने को कहते है, लेकिन भारत के लिए यह मोकाम पर पहुंचने की राह इतनी आसान नहीं थी. बता दें कि एक शामे भारत के पास एक साथ सबसे ज्यादा Satellite (उपग्रह) छोड़े जाने का रिकॉर्ड था. किन्तु जिसे अब एलन मस्क की कंपनी ‘Space X ‘ ने तोड़ दिया है.
समझिए भारत की शुरूआती ‘स्पेस मिशन’ की कहानी…
- 4 अक्टूबर 1957 को रूस ने पहला सैटेलाइट स्पुतनिक लॉन्च किया। अगले ही साल नासा ने भी स्पेस मिशन पर काम करना शुरू कर दिया. हालांकि भारत में अभी तक इस पर कुछ खास काम शुरू नहीं हुआ था. 1960 और 1970 की दशक में जब रूस और अमेरिका ने अपना स्पेस मिशन शुरू किया तो भारतीय वैज्ञानिकों पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ने लगा.
- अभी तक भारत में काम का ज्यादा स्कोप नहीं था, ऐसे में भारत के ज्यादातर बड़े साइंटिस्ट सीवी रमन, मेघनाद शाहा, रामानुजन आदि काम के लिए विदेश जाते थे. 21 नवंबर 1963 को केरल के त्रिवेंद्रम से देश का पहला रॉकेट लॉन्च किया गया. इस रॉकेट की रेंज 55 किलोमीटर थी. इससे एक साल पहले 1962 में ही स्पेस फतह करने के लिए देश में ‘द इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च’ की शुरुआत हुई. 6 साल बाद 1968 में इस संस्था का नाम बदलकर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेश यानी ISRO कर दिया गया.
- इसी वक्त विक्रम साराभाई सोवियत रूस और अमेरिका की यात्रा पर गए थे. उनके दिमाग में भारत के लिए स्पेस मिशन को शुरू करने का ख्याल आया. सोवियत रूस इस समय तक पर्दे के पीछे से स्पेस मिशन पर काम कर रहा था, लेकिन अमेरिका ने साराभाई को भरोसा दिया कि वह भारत को स्पेस लॉन्च करने में मदद करेगा.
- कुछ दिन बाद यूआर राव एक प्लान लेकर साराभाई के पास गए। साराभाई ने इस स्पेस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राव के ही कंधे पर डाल दी. इसके बाद राव ने देश के टॉप 25 इंजीनियर्स के साथ मिलकर इस मिशन पर काम शुरू कर दिया.
इतिहास के पन्नो में दर्ज कुछ अन्य घटनाएं…
1451: बहलोल लोदी ने दिल्ली पर कब्जा किया.
1770: कैप्टन जेम्स कुक आस्ट्रेलिया पहुंचने वाले पहले पश्चिमी व्यक्ति बने.
1775: अमेरिकी क्रांति की शुरुआत.
1882: कलकत्ता में पहले प्रसूति अस्पताल की शुरुआत.
1910: हेली पुच्छल तारे को पहली बार सामान्य रूप से देखा गया.
1919: अमेरिका के लेस्ली इरविन ने पैराशूट से पहली बार छलांग लगाई.
1936: फिलिस्तीन में यहूदी विरोधी दंगे शुरू हुए.
1950: श्यामा प्रसाद मुखर्जी केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री बने.
1971: भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला जीती.
1972: बांग्लादेश राष्ट्रमंडल का सदस्य बना.
1975: भारत अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च कर अंतरिक्ष युग में दाखिल हुआ। यह भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह था.
2011: क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ क्यूबा की केन्द्रीय समिति में 45 वर्षों तक बने रहने के बाद इस्तीफा दिया.
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