भारत बनेगा वैश्विक एविएशन हब, बजट 2025 में बड़े ऐलान की उम्मीद
नई दिल्ली: भारत का उड्डयन क्षेत्र वैश्विक स्तर पर तेजी से विकसित हो रहा है. पिछले एक दशक में केंद्रीय उड्डयन मंत्रियों ने कई बार यह बात कही भी है की केंद्र सरकार भारत को एक वैश्विक एविएशन हब के रूप में स्थापित करना चाहती है.
अब केंद्र सरकार पहली बार इस उद्देश्य को साकार करने के लिए एक समग्र नीति तैयार कर रही है, जिसकी झलक आगामी आम बजट में देखने को मिलेगी.
नीति के तहत एविएशन सेक्टर को कर छूट, विमानन कंपनियों के लिए नियमों को सरल बनाने और सेवा शुल्कों में कटौती का प्रस्ताव रखा गया है. नीति आयोग ने गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, पेट्रोलियम, रक्षा मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालयों के साथ व्यापक चर्चा के बाद इस पैकेज का प्रारूप तैयार किया है. यह पैकेज कई चरणों में लागू होगा.
हरियाणा का हिसार बनेगा एविएशन हब?
सरकार की नई नीति के तहत देश में दो एविएशन हब स्थापित करने का प्रस्ताव है – एक उत्तर भारत में और दूसरा दक्षिण भारत में. हालाँकि पहले देश में एक एविएशन हब बनाने का प्रत्साव था.
हाल ही में अमेरिकी सरकार ने दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 220 किलोमीटर दूर स्थित हिसार एयरपोर्ट को एविएशन हब के रूप में विकसित करने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहयोग की पेशकश की है. हरियाणा सरकार भी इस परियोजना को प्राथमिकता दे रही है. हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से इस पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
प्रधानमंत्री का विज़न..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2024 में एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा था कि हवाई यात्रा को सुगम, किफायती और सबके लिए सुलभ बनाना सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है. यह नीति देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी और घरेलू उड्डयन सेक्टर में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने पर केंद्रित होगी.
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एविएशन सेक्टर का भविष्य…
• घरेलू यात्रियों की संख्या: 2024 तक घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 22 करोड़ और वर्ष 2030 तक बढ़कर 40 करोड़ होने का अनुमान है.
• एयरपोर्ट संख्या: देश में मौजूदा हवाई अड्डों की संख्या 157 से बढ़कर 250 और 2047 तक हो जाने का अनुमान है.
• निवेश की आवश्यकता: एयरपोर्ट निर्माण के लिए 24 अरब डॉलर और विमानन कंपनियों को नए विमानों की खरीद के लिए 150 अरब डॉलर का वित्तीय निवेश चाहिए.
• विमान संख्या: भारतीय विमानन कंपनियों के पास विमानों की संख्या 800 से बढ़कर 1400 होने की संभावना है.
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ईंधन पर भी हो सकता है बड़ा फैसला
नीति आयोग ने विमान ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, इसे लागू करने में राज्यों की सहमति अब तक नहीं मिली है.