भारत में टैक्सपेयर्स की तादाद बढ़ी

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नोटबंदी के जरिए ब्लैक मनी के खिलाफ सरकार के अभियान चलाने और कई अन्य उपायों के चलते टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। सरकार यह कोशिश करती रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स के दायरे में आएं और रिटर्न फाइल करें।

टैक्सपेयर्स की संख्या में 95 लाख का इजाफा

टैक्सपेयर्स की संख्या में 95 लाख की बढ़ोत्तरी हुई है। यह जानकारी सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों ने दी। यह आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दिए गए प्रेजेंटेशन का हिस्सा था। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने प्रधानमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन दिया। प्रेजेंटेशन की जानकारी रखने वाले दोनों अधिकारियों में से एक ने बताया, ‘करीब 95 लाख नए टैक्सपेयर्स जुड़े हैं।’

देश की आबादी में से महज एक फीसदी इनकम टैक्स चुकाते हैं

हालांकि बताया जाता है कि देश की आबादी में से महज एक फीसदी लोग इनकम टैक्स चुकाते हैं। फाइनेंशल इयर 2016 में 5 करोड़ 28 लाख रिटर्न फाइल किए गए थे। इस तरह उससे पहले वाले साल के मुकाबले संख्या में 22 फीसदी का इजाफा हुआ था। कुछ रिटर्न पेपर मोड में भी फाइल किए गए थे।

IT विभाग ने 18 लाख को किया था चिन्हित

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ब्लैक मनी के खिलाफ जंग के तहत टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ा था। डिपार्टमेंट ने ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की थी, जिन्होंने 8 नवंबर को प्रधानमंत्री की ओर से नोटबंदी की घोषणा होने के बाद रद्द किए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों में ऐसे बैंक डिपॉजिट किए थे, जिनका मिलान उनकी इनकम प्रोफाइल के मुताबिक नहीं था।

IT विभाग ने SMS और EMAIL से मांगा था जवाब

डिपार्टमेंट ने इस अवधि के दौरान ऊंची कीमत वाली खरीदारियों के डीटेल्स भी खंगाले थे। इस डेटा का इस्तेमाल टैक्स चोरी करने वालों की शिनाख्त में किया गया था, जिन्होंने इनकम होने के बावजूद रिटर्न फाइल नहीं किया था या अपनी आमदनी के मुताबिक टैक्स नहीं चुकाया था। नोटबंदी के बाद ऑपरेशन क्लीन मनी में ऐसे लोगों की डीटेल्स ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई थीं। इसके बाद एसएमएस और ईमेल से जवाब मांगे गए थे।

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