अगर आप भी हैं चिकन और मटन के शौकीन तो ये खबर जरुर पढ़े
कोलकाता में मटन और चिकन के नाम पर कुत्ते और बिल्ली के मांस बेचने की घटना का पर्दाफ़ाश होने के बाद अब इससे जुड़े नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस जांच में यह सामने आया कि डंपिंग यार्ड में मरे हुए कुत्ते-बिल्ली का मांस ना केवल कोलकाता, बल्कि बांग्लादेश और नेपाल तक भेजा जाता था। यही नहीं, देश के कई राज्यों में भी इस रैकेट के फैले होने का शक है।
प्रिजर्व करने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता था
मीडिया को साउथ 24 परगना के एसपी कोटेश्वर राव ने बताया कि, इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब स्थानीय लोगों ने दो ऐसे लोगों को पकड़ा जो मरे हुए पशु का मीट लेकर जा रहे थे। इसके बाद हमने बिहार में गिरोह से जुड़े लोगों को पकड़ने के लिए विशेष टीम भेजी थी। हमारी जांच से सामने आया कि ये गिरोह मरे हुए पशुओं का मीट पहले प्रोसेस्ड करता था फिर इस पर एक तरह का सफेद पाउडर डालकर कोल्ड स्टोरेज में इकट्ठा रखता था। मीट को प्रिजर्व करने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता था।
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गिरोह किस तरह इस अवैध धंधे को अंजाम देता था, एसपी राव ने इस बारे में बताया कि पूरा गिरोह एक मुखबिर के इशारे पर काम करता था, जो जैसे ही म्युनिसिपल यार्ड में कोई मृत पशु आता तो वो इस बारे में गिरोह को सूचना दे देता था। गिरोह के सदस्य वहां पहुंच कर मृत पशु का मीट लेकर कोल्ड स्टोरेज पहुंचा देते थे। फिर मीट के छोटे टुकड़े कर प्रोसेस किया जाता था और उसे ताजा मीट के साथ मिला दिया जाता। फिर इसे पैक कर शहर के रेस्टोरेंट में पहुंचा दिया जाता।
क्वालिटी चेक करने के लिए व्यापक मुहिम छेड़ी है
इसे सोनारपुर, टांगरा जैसे इलाकों में सप्लाई किया जाता था। पुलिस के मुताबिक इस प्रोसेस्ड मीट को 60-65 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाता था। गिरोह के पकड़े जाने के बाद से कोलकाता के लोगों में इस तरह के खतरनाक मीट को लेकर दहशत है। ममता बनर्जी सरकार ने इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम का गठन किया है। कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (केएमसी) की ओर मीट की क्वालिटी चेक करने के लिए व्यापक मुहिम छेड़ी है।
इसके तहत शहर के रेस्टोरेंट और ईटिंग स्टाल्स में जाकर पके हुए मीट के सैम्पल लिए जा रहे हैं। जांच में शामिल अधिकारियों का कहना है कि इस अवैध मीट के विक्रेता नादिया, हावड़ा, नॉर्थ और साउथ परगना समेत कई जिलों में फैले हुए हैं। स्थानीय प्रशासन को मीट सप्लायर्स और दुकानों पर अचानक छापे मारने के निर्देश दिए गए हैं।
aajtak
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