जमीन पैमाईश के नाम पर लेखपाल, कानूनगो ने किसान से वसूले 60 हजार

जमीन की नापी के बाद नही दिलाया कब्जा और लगा दिया फर्जी रिपोर्ट

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वाराणसी के कोईराजपुर हरहुआ के किसान सुधीर कुमार राय ने शनिवार को पिंडरा तहसील पर आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर प्रार्थना पत्र देकर क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. सुधीर ने कहाकि धारा 24 के तहत दिये गये प्रार्थना पत्र के बाद जमीन की पैमाईश के नाम पर कानूनगो और लेखपाल ने उससे और उसके चाचा से 60 हजार रूपये वसूले. जमीन पर कब्जा भी नही दिलाया और फर्जी रिपोर्ट लगा दी. सुधीर ने सम्बंधित अधिकारी से मामले की जांच के साथ ही लेखपाल और कानूनगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अपने 60 हजार रूपये वापस दिलाने की मांग की है.

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सुधीर ने बताया कि उसने दो अप्रैल को धारा 24 के तहत जमीन की पैमाईश के लिए आवेदन किया था. इसके तहत राजस्व निरीक्षक जगदीश नारायण और हलका लेखपाल आशीष ने उसे, उसके पिता और चाचा को सही सीमांकन करने का भरोसा दिलाया और 50 हजार रूपये की मांग की. सुधीर और उनके पिता ने कहाकि कि इतना धन नही दे सकेंगे तो किसी तहर 35 हजार रूपये पर दोनों पैमाईश के लिए राजी हो गये.

चाय की दुकान और कथित कार्यालय पर लिये रूपये

इसके बाद कानूनगो और लेखपाल कहाकि वह रिंग रोड चौराहा स्थित अनिल यादव की चाय की दुकान पर तय रकम में से 30 हजार रूपया रख देंगे. जब वह पैसा उन्हें मिल जायेगा तभी पैमाईश करेंगे. इसके बाद सुधीर और उसके पिता ने चाय की दुकान पर 30 हजार रूपये दे दिये. तब उसी दिन लेखपाल और कानूनगो ने चक का पैमाइश किया. लेकिन सिर्फ देवेंद्र प्रताप सिंह को कब्जा देकर राजस्व टीम लौट गई. फिर 28 अप्रैल को राजस्व टीम आई. दोबारा सुधीर से दस हजार रूपये लिये तक चक पर जाकर दोबारा पैमाइश किया. लेकिन सुधीर और पांच अन्य लोगों को छोड़कर देवेंद्र प्रताप सिंह को कब्जा दिलाकर टीम फिर चली गई. इसी दौरान 23 अप्रैल को सुधीर के चाचा अनिल राय ने चक के सीमांकन के लिए आवेदन किया था. उनके चक की पैमाइश के लिए कानूनगो और लेखपाल ने 40 हजार रूपये की मांग की. दोनों ने कहाकि 40 हजार रूपये दीजिए तो आप दोनों के चक का एक ही दिन नापकर कब्जा करा दिया जाएगा. लाचार होकर सुधार और उनके चाचा ने कानूनगो और लेखपाल के काजीसराय बाजार स्थित कथित कार्यालय पर जाकर 20 हजार रूपये दिये. इसके बाद कानूनगो और लेखपाल ने चाचा के चक की नापी की लेकिन कब्जा नही दिया. कहाकि जबतक शेष 20 हजार रूपये नही देंगे तो किसी चक की पैमाईश नही होगी. यही नही हल्का लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने बिना कब्जा दिलाये फर्जी रिपोर्ट लगा दी कि आवेदक के चक का सीमांकन कर पत्थर लगा दिये गये और पुलिस को भी गुमराह किया. सुधीर कुमार ने तहसील दिवस प्रभारी से लेखपाल और काननूगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए 60 हजार रूपये वापस दिलाने की मांग की है. सुधीर ने प्रार्थना पत्र के साथ आईजीआरएस और पुलिस रिपोर्ट की प्रति भी सौंपी है. उधर, इस शिकायत के बाद वसूली में लिप्त तहसील कर्मियों में खलबली मची है. क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि कानूनगो और लेखपाल के कारिंदे अवैध वसूली करते हैं. गौरतलब है कि किसान सुधीर और उनके चाचा के साथ अवैध वसूली के आरोप का मामला तब सामने आया जब 18 जून को प्रधानमंत्री मंेहदीगंज में किसानों से संवाद करने वाले हैं. प्रशासनिक अमला और भाजपा के लोग भीड़ जुटाने के लिए किसानों को आमंत्रित कर रहे हैं. ऐसे में किसान के साथ लेखपाल और काननूगो की यह करतूत चर्चा का विषय बनी है.

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