मणिपुर के गांवों में बाढ़ से तबाही का मंजर

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मणिपुर के कुछ हिस्सों में बाढ़ से तबाही का मंजर पेश आया। लगातार मूसलाधार बारिश के कारण ज्यादातर गांवों में बाढ़ आ गई है। धान के खेत डूब गए हैं। इरिल नदी सोमवार को खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ग्रमीणों ने बताया कि हालांकि घाटी के जिलों में बारिश थम गई है। पहाड़ी इलाकों में अब भी भारी बारिश है, जहां से सभी नदियां शुरू होती हैं।

इम्फाल पूर्व जिले के नहरूप के कुछ गांव और थौबल जिले में उरुप और अरबती के धान के खेतों में पानी भर गया है।गुस्साए ग्रामीणों ने बताया कि कोई आधिकारी या स्थानीय विधायक झांकने नहीं आया। वे नदी के तटबंधों को ऊपर उठाने के लिए अपने स्वयं के संसाधनों का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं।

इम्फाल पश्चिम जिले के सागोलबैंड और उरिपोक में शहर के मुख्य सड़कों पर भी बाढ़ आ गई है।किसानों ने बताया कि वे उम्मीद कर रहे थे कि बाढ़ के बाद भरपूर फसल उपलब्ध होगी, लेकिन अब उन्हें डर है कि इन दिनों हो रही बारिश से धान की फसल नष्ट हो जाएगी।

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उन्होंने बताया कि उन्हें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है, हालांकि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में बाढ़ पीड़ितों के लिए पैसा के लिए मंजूरी दी है।मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने जुलाई में बाढ़ के तुरंत बाद घोषणा की थी कि सरकार जल्द ही उपज वाले धान के पौधों को वितरित करेगी।वहीं किसानों का कहना है कि अब तक उन्हें पौधे उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।कई इलाकों में मूसलाधार बारिश शनिवार सुबह में शुरू हुई थी।

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