वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में यूजी-पीजी के कुल 58 पाठ्यक्रमों से लगभग 30 में अब तक सीटों से भी कम आवेदन आए हैं. कुछ पाठ्यक्रमों में केवल एक्का दुक्का आवेदन आए हैं, जबकि उन पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 22 से लेकर 49 तक है. एमए हिंदी और इतिहास में 165 सीटों के मुकाबले क्रमशरू 63 और 99 आवेदन ही आए हैं. आवेदन को लेकर दिख रही धीमी गति के कारण विश्वविद्यालय के कुलपति ने 28 जून को बैठक बुलाई है. इसमें आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा.
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छात्र CUET के परिणाम आने का कर रहे हैं इंतजार
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिये कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की परीक्षा कराई गई थी. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं ने इसकी परीक्षा दी थी. वे उसके रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि सीयूईटी का रिजल्ट 30 जून तक आने की उम्मीद है. ऐसे में काशी विद्यापीठ और अन्य महाविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया रुकी पड़ी है. जबकि काशी विद्यापीठ में यूजी-पीजी में आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है. महज 13 हजार के करीब छात्र-छात्राओं ने ही विद्यापीठ विश्वविद्यालय के लिये आवेदन दिया है. इसमें केवल 9,000 छात्रों द्वारा ही शुल्क जमा किया गया है.
यूजी-पीजी की कुल मिलाकर 8,000 सीटें
काशी विद्यापीठ में यूजी-पीजी की कुल सीटों की संख्या लगभग 8000 है. इसमें से अधिकतर विभागों में अब तक सीटों से भी काफी कम आवेदन आए हैं. बात करें एमए संस्कृत की तो कुल 165 सीटों के लिये केवल 13 आवेदन ही आए हैं. एमए अर्थशास्त्र में भी 165 सीटों के मुकाबले अब तक महज 51 आवेदन आए हैं. इसी तरह एमएसडब्ल्यू में कुल 84 सीटों के मुकाबले 67, बीलिब में 66 सीटों के मुकाबले 25 और एमए राजनीति शास्त्र में 165 सीटों के मुकाबले 118 आवेदन आए हैं.
एक साथ चार-चार फार्म नहीं भर सकते
विद्यापीठ विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अभी बड़ी संख्या में बच्चे सीयूईटी के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. कहा कि आसपास के क्षेत्र में ऐसे बच्चों की संख्या कम है, जो एक साथ चार-चार फॉर्म भर पाएं. वहीं विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि आवेदनों की स्थिति को देखते हुए अंतिम तिथि 30 को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए 28 जून को डीन और विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है. उसमें आवेदन तिथि बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा.
सीटों से कम आवेदन वाले कुछ कोर्स
सूत्रों के अनुसार जिन पाठ्यक्रमों में सीटों की तुलना में अगर दोगुने से कम आवेदन आए हैं उनमें प्रवेश परीक्षा नहीं कराई जाएगी. छात्र-छात्राओं का इन कोर्स में सीधे प्रवेश लिया जाएगा. गौरतलब है कि मंगलवार शाम तक बीकॉम में 346 सीटों के लिए सर्वाधिक 1797 आवेदन आए थे. कुलपति प्रो. एके त्यागी के मुताबिक अब तक आए आवेदनों के तहत 12 से 14 पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा कराने की जरूरत पड़ेगी. हालांकि अभी कई पाठ्यक्रमों में आवेदन की संख्या बढ़ सकती है जिसके बाद उनके एडमिशन के लिये भी प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी.