लखीमपुर में कुएं और बगीया की हुई आनेखी शादी, गाजे बाजे के साथ निकाली बरात…

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आपने इसांनो की शादी के बारे में सुना होगा. जानवारो की शादी के बारे में भी जरूर सुना होगा. लेकिन किया आपने कभी सुना है कि किसी कुएं और बगिया की शादी कराई गई हो. नही तो कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में. जी हां यहां कुएं और बगिया की धूमधाम से शादी कराई गई है. पूरे विधि-विधान से ये विवाह कराया गया. पूरा गांव बराती बना. गाजे-बाजे के साथ बरात निकाली गई. सैकड़ों लोगों को दावत भी खिलाई गई।

दरअसल, खागी ओयल गांव निवासी समाजसेवी शरद गुप्त की बगिया का विवाह बुधवार को गांव के बीचों बीच उनके बाबा द्वारा करीब 45 वर्ष पूर्व बनवाए गए कुएं से गाजे-बाजे के साथ कराया गया. आचार्य अनिल त्रिवेदी शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ये विवाह संपन्न कराया।

बगिया के पेड़ को बनाया गया दुल्हन…

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जब भी किसी का विवाह संस्कार होता था. तो सभी को कुएं की पूजा करने के लिए बाहर जाना पड़ता था. कुएं का विवाह होने से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. मान्यता है कि जैसे बरगद और इमली के पेड़ का विवाह होता है. इसके बाद सुहागिन महिलाएं बरगद की पूजा करने लगती हैं।

धूम-धाम से निकाली गई बरात…

उसी प्रकार कुएं की पूजा विवाह आदि शुभ कार्यों में होती है. पुरानी परंपरा के अनुसार कुएं का विवाह बगिया से कराया जाता है. इसके कुआं पूज्य हो जाता है. खागी ओयल में कुएं और बगिया के विवाह के लिए पूरे गांव में सजावट की गई. ग्रामीण गाजे-बाजे के साथ कुएं की बरात लेकर बगिया के पास पहुंचे।

कार्यक्रम के बाद दावत का आयोजन…

विवाह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सदर विधायक उत्कर्ष वर्मा, विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिभा, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राकेश राज और अशोक वर्मा मौजूद रहे। विवाह कार्यक्रम संपन्न होने के बाद भंडारे का आयोजन किया गया पूरे गांव के लोगों को भोज कराया गया।

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