IMF ने बढ़ते कर्ज को लेकर भारत को दी चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के बढ़ते कर्ज को लेकर चेतावनी दी है. गौरतलब है कि दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में तेजी से आगे बढ़ रही है. दूसरी ओर इसके साथ ही देश पर कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है. आईएमएफ़ का कहना है कि, अगर भारत पर कर्ज इसी तरह बढ़ता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब यह कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 100 फीसदी स्तर को भी पार कर जाएगा.
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बढ़ रहा है कर्ज का अनुपात
बता दें कि भारत का debt to GDP अनुपात 81.3 प्रतिशत के करीब है. इसका मतलब 100 जीडीपी का 81 प्रतिशत के करीब कर्ज है. अन्य देशों की बात करे तो ब्राजील का 83 प्रतिशत, अमेरिका का 116 प्रतिशत, वहीं जापान का 239 प्रतिशत जीडीपी का कर्ज है.
IMF ने कहा है कि अगर भारत की GDP इस तरह से बढ़ती रहती है तो भविष्य में कर्ज को नियत्रिंत कर पाना भारत के लिए आसान होगा. हालांकि कोरोना जैसी बीमारी, जलवायु परिवर्तन, युद्ध जैसी स्थिति होने पर इसे संभालना मुश्किल होगा.
मुख्य समस्या है कर्ज में बढ़ोतरी – विपक्ष
कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के मुताबिक पिछले 9 सालों में रिकार्ड कर्ज लेना, भारत की सबसे मुख्य समस्या है. बता दें कि भारत का कर्जा वर्ष 2014 में 55 लाख करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023 में 170 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि IMF ने चेतावनी दी है कि देश का कुल कर्ज भारत की GDP से ज्यादा होने वाला है. सुप्रिया ने कहा कि आजादी के बाद 67 साल में 14 प्रधानमंत्रियों ने कुल 55 लाख करोड़ का कर्ज लिया. दूसरी ओर पीएम मोदी ने अकेले ही 150 लाख करोड़ रुपए का कर्ज देश पर लाद दिया है.
टॉप 3 में आने का है लक्ष्य
भारत पिछले काफी समय से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है. पिछले साल ही भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया था. भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यावस्था बन गई थी. फिलहाल सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मामले में भारत से सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी जैसे देश ही आगे हैं. इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 4 ट्रिलियन डॉलर के पास है. यानि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में जापान और जर्मनी के काफी करीब पहुंच गया है. भारत सरकार ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश के बनने का लक्ष्य रखा है.