फर्जी कंपनियों के माध्यम से 13,300 करोड़ का अवैध लेन-देन
आयकर विभाग(Income Tax Department) ने 1,155 से ज्यादा फर्जी कंपनियों की पहचान की है, जिनके माध्यम से पिछले तीन सालों में 13,300 करोड़ रुपये का अवैध लेन-देन किया गया। संसद को शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, “पिछले तीन वित्त वर्षो (2013-14 से 2015-16) के दौरान आयकर विभाग ने 1,155 से ज्यादा शेल कंपनियों की पहचान की है, जिनके माध्यम से पिछले तीन सालों में 13,300 करोड़ रुपये का अवैध लेन-देन किया गया। इनका प्रयोग 22,000 लाभार्थियों के लिए किया गया।”
उन्होंने कहा, “आयकर विभाग द्वारा 47 लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है। सीबीआई ने पिछले तीन सालों (2014, 2015, 2016) में 201 शेल कंपनियों के खिलाफ 30 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 17 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है।”
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वहीं, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने 12 जुलाई को 1,62,618 कंपनियों को कंपनियों के रजिस्ट्रार से बाहर निकाल दिया था। इन कंपनियों के खिलाफ कंपनियां अधिनियम 2013 की धारा 248 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी।
वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, “पिछले तीन वित्त वर्षो (2013-14 से 2015-16) के दौरान आयकर विभाग ने 1,155 से ज्यादा शेल कंपनियों की पहचान की है, जिनके माध्यम से पिछले तीन सालों में 13,300 करोड़ रुपये का अवैध लेन-देन किया गया। इनका प्रयोग 22,000 लाभार्थियों के लिए किया गया।”
“आयकर विभाग द्वारा 47 लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों ने पिछले तीन वित्त वर्षो से सालाना रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है, ताकि उन कंपनियों के निदेशकों पर संबंधित कंपनी समेत किसी भी कंपनी का निदेशक बनने के लिए पांच सालों के लिए अयोग्य घोषित किया जा सके।
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