आईआईटी बीएचयू का ‘हेल्थी डायट फूड’

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आईआईटी वाराणसी के छात्रों को फिजिक्स के फंडे और केमिस्ट्री के लोचे समझाने वाले प्रॉफेसर अब आमजन को सेहतमंद बनाने की फ्रिक में जुटे हैं। लंबे रिसर्च के बाद इन्होंने आज के दौर की सबसे आम डायबीटीज और मोटापे की बीमारी से छुटकारा दिलाने का फॉर्म्युला ईजाद किया है। इसे ‘हेल्थी डायट फूड’ नाम दिया गया है। जीरो शुगर और सैचरेटेड फैट कन्टेंट वाले इस फूड की खासियत यह भी है कि दिनभर में महज पांच सौ ग्राम सेवन भर से चौबीस घंटे के लिए शरीर को जरूरी कैलरी व अन्य पोषक तत्व मिल जाएंगे। आमजन की खरीद की पहुंच में लाने को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है। पेटेंट प्रक्रिया पूरी किए जाने के साथ तकनीक एक कंपनी को ट्रांसफर किए जाने की तैयारी है।

सामान्य से लेकर हाई सोसायटी तक के लोगों के लिए ‘हेल्थी डायट फूड’ का फॉर्म्युला तैयार करने की पहल आईआईटी केमिकल इंजिनियरिंग विभाग के हेड प्रफेसर पी.के.मिश्रा ने की है। भागदौड़ भरी जिंदगी में बाजार में बिकने वाले फास्ट फूड या फिर घरों में आने वाली हॉर्मोन इंजेक्शन वाली जहरीली सब्जी व अनाज खाने से तेजी से फैलती डायबीटीज और मोटापे की बीमारी ने टेक्नोक्रेट्स को इस कदर चिंतित किया कि अपने फील्ड से अलग नए तरह के रिसर्च में जुट गए। हेल्थी डायट फूड तैयार करने में प्रफेसर मिश्रा का साथ उनके विभाग की पोस्ट डॉक्टरेक्ट फेलो नेहा श्रीवास्तव ने दिया। दावा है कि डेढ़ साल तक रिसर्च के बाद जो फॉर्म्युला सामने आया है वह लोगों को डायबीटीज और मोटापे की बीमारी से बचाएगा।

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क्या है फॉर्म्युला ?

प्रफेसर मिश्रा के मुताबिक हेल्थी डायट फूड है तो एक तरह से दलिया ही, लेकिन बाजार में उपलब्ध दलिया से बिल्कुल अलग है। इसमें गेहूं- दाल या अन्य किसी ऐसे अनाज को शामिल नहीं किया गया है जिसके सेवन से शुगर व सैचरेटेड फैट शरीर में पहुंचता हो। ग्रेन सेलेक्शन से लेकर न्यूट्रिशनल बैलेंस, ग्रेन की पार्टिकल साइज और नैचरल प्रिजरवेटिव तय करने को लैब में आठ चरणों में रिसर्च हुआ।

ऑर्गैनिक सुपर ग्रेन

सुपर फूड कैटिगरी में आने वाले अनाज बाजरा, जौ, मक्का, सांवा व कोदो को हेल्थी डायट फूड में जगह मिली है। खास यह कि ये सारे अनाज ऑर्गैनिक खेती की पैदावार होंगे। इन अनाजों की मेडिसिनल और न्यूट्रिशन प्रॉपर्टी को एक्सप्लोर और ऑप्टिमाइज करने के बाद इस तरह कम्पोजीशन किया गया है कि सभी पोषक तत्व निर्धारित मात्रा में मिले। अनाज की पार्टिकल साइज भी तय की गई है। प्रिजर्वेटिव का काम मक्का करेगा। इसे पकाने में महज पांच से दस मिनट लगेंगे।

कई फ्लेवर में मिलेगा

रिसर्च को अंजाम तक पहुंचाने वाली नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि हेल्थी डायट फूड को बस पांच सौ ग्राम सेवन करने से चौबीस घंटों में स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर आदि मिल जाएगा। हरी सब्जियां व नमक मिलाने से आयरन व कैल्शियम व सोडियम की मांग पूरी होगी। बाजार में यह टमेटो, वेजिटेबल और बटर फ्लेवर में उपलब्ध होगा।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

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