आईआईटी-खड़गपुर: परिवर्तन निर्माताओं को तैयार करने में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका
नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर दुनिया को पुनः आकार देने का प्रयास
आईआईटी खड़गपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन टी.वी. नरेंद्रन ने संस्थान के 70वें दीक्षांत समारोह के दौरान सोमवार को कहा कि यह प्रमुख संस्थान भारत की प्रौद्योगिकीय उत्कृष्टता का आधार रहा है. यह “अगली पीढ़ी के नेताओं, नवप्रवर्तकों और परिवर्तन निर्माताओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. आईआईटी खड़गपुर ने पिछले 70 वर्षों से भारत की प्रौद्योगिकीय और शैक्षिक सफलता की नींव रखी है.
नरेंद्रन टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक भी हैं. आगे उन्होंने कहा कि “जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक विनिर्माण हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है दुनिया की नजरें हमारे युवा राष्ट्र की ताकत पर केंद्रित हो रही हैं.
नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर दुनिया को पुनः आकार देने का प्रयास
आने वाला दशक भारत की चौथे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की कहानी होगा और इस विकास में आईआईटी खड़गपुर को अहम भूमिका निभानी होगी. नरेंद्रन ने कहा “आज हम केवल हमारे स्नातकों की शैक्षिक उपलब्धियों का उत्सव नहीं मना रहे, बल्कि उन सिद्धांतों का भी सम्मान कर रहे हैं जो आईआईटी खड़गपुर की पहचान हैं – दृढ़ता, नवप्रवर्तन और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता. आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें उद्योगों के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करना होगा. नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना होगा और दुनिया को फिर से आकार देने वाली समस्याओं का समाधान करना होगा.
आईआईटी खड़गपुर द्वारा विकसित कुछ नई प्रौद्योगिकियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “संस्थान ने जैविक कचरे का मूल्यांकन, बायोएथनॉल उत्पादन, पौधों में कार्यात्मक जीनोमिक्स, स्मार्टफोन का उपयोग करके एनीमिया की स्क्रीनिंग, और लार में यूरिया की जांच के लिए डिस्पोजेबल सेंसर स्ट्रिप्स जैसे नवाचारी समाधान विकसित किए हैं.
2,200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला विशाल परिसर
उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला. जैसे कि आईआईटी खड़गपुर की विशाल 2,200 एकड़ से अधिक फैली हुई परिसंपत्ति, जिसमें 21 शैक्षिक विभाग, 11 स्कूल और 25 केंद्र हैं, जिनमें 12 उत्कृष्टता केंद्र और दो अकादमियां शामिल हैं. संस्थान 17,000 से अधिक छात्रों, 770 से अधिक फैकल्टी और 930 से अधिक स्टाफ को सेवा प्रदान करता है और यह लगभग 1,240 परियोजनाओं का प्रबंधन करता है.
इस दीक्षांत समारोह में कुल 3,456 डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 480 पीएचडी डिग्रियाँ शामिल थीं. इसके अलावा 13 विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, 7 लाइफ फेलो पुरस्कार और एक लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया.