आंखों की पलकों में है सूजन व दर्द तो सावधान! ये है आई फ्लू, इन पांच उपायों से बचें 

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बारिश के लगातार कहर के बाद देश के अब कई हिस्सों में आई फ्लू (Conjunctivitis Eye) तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी में आखों में लालिमा आ जाती है। इसके शुरुआती लक्षण में आखों की पलकों में सूजन और दर्द होता है। अगर आपकी भी आंखों में इस तरह के संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो सावधान हो जाएं। यह आंख का संक्रमण है। यह रोगी में 48 से 72 घंटे तक एक्टिव रहता है। इसके बाद संक्रमण कम होना शुरू हो जाता है। रोगी में यह संक्रमण पांच से सात दिन में पूरी तरह से ठीक हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर परामर्श निर्गत किया है। वहीं कंजेक्टिवाइटिस के तेजी से फैलने पर स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है।

आई फ्लू (Conjunctivitis Eye) क्या है

बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमण होने पर आंख की कंजक्टिवा सूज जाती है। यह एलर्जी के कारण भी हो जाती हैं। आई फ्लू के कारण आंखों में खुजली होने लगती है, आंखें लाल हो जाती हैं। इसके कारण आंखों से चिपचिपा स्राव भी निकल सकता है। संक्रामक होने के कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

बारिश में फैलता है आई फ्लू

आई फ्लू यानी कंजेक्टिवाइटिस आई किसी एलर्जी के कारण ट्रिगर हो सकती है। यह बारिश के मौसम में ज्यादा सक्रिय होता है। यदि संभव हो तो उनसे बचें। बारिश के मौसम में पोलेन ग्रेन या रैगवीड लेवल हाई होने का जोखिम रहता है। इसलिए इस मौसम में बेवजह बाहर नहीं निकलें। जरूरत में महसूस हो तो एलर्जी की दवाएं भी ले लें, इससे लक्षणों को रोकने में मदद मिल सकती हैं। पोलेन ग्रेन से बचने के लिए घर के खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इससे एलर्जी को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। कोशिश करें कि घर पर धूल इकट्ठा न हो।

अस्पतालों में बढ़ रहें आई फ्लू के मरीज

जिला अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है। सीएमओ डा. अंशुमान सिंह ने कहाकि सभी सीएचसी, पीएचसी को संक्रमण के चलते सतर्क रहने का आदेश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग गांव-गांव कैंप लगाकर लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है।

कंजेक्टिवाइटिस हो जाए तो इन टिप्स को अपनाएं- 

आई फ्लू होने पर संक्रमित व्यक्ति को एक बार चिकित्सक से परामर्श कर सही आई ड्रॉप लेना चाहिए। इसके  साथ ही आंखों की सही देखभाल के लिए कुछ घरेलू उपचार को भी अपनाएं।

  • संक्रमित आंखों पर काले चश्मे का प्रयोग करें।
  • रोगी की आंखों के लिए अलग आई ड्राप रखना है।
  • आई ड्राप डॉक्टर से परामर्श कर ही लें।
  • संक्रमित आंखों की गर्म या ठंडी सिकाई करें।

कंजेक्टिवाइटिस होने से पहले आंखों को ऐसे बचाएं-

आस पास अगर आई फ्लू फैल रहा हो तो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इसके साथ ही आंखों को संक्रमित होने से बचाने के लिए कुछ उपायों को भी अपनाएं।

  • संक्रमित आंखों को कॉन्टैक्ट लेंस से बचाएं।
  • संक्रमण के दौरान आई मेकअप ना करें।
  • सीधे टैप वाटर से आंखों को ना धोएं।
  • ठंडे या गुनगुने पानी से आंखों को धोएं।
  • आंखों को बार-बार छूना या मलना नहीं चाहिए।

आई फ्लू संक्रमित रोगी का बिस्तर अलग

आई फ्लू के संबंध में आई एक्सपर्क का कहना है कि जो भी इससे प्रभावित है, उसका बिस्तर, तकिया, गमछा आदि अलग कर देना चाहिए। कोई भी वस्तु ढूंढने के बाद हाथों को साबुन से धोना चाहिए। घर से जाते और आते समय हाथ अवश्य धुलना चाहिए। संक्रमित के लिए अलग कमरे की व्यवस्था करनी चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन ने बताया कि इन दिनों यह बीमारी व्यापक रूप से फैल रही है। यदि कोई व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाए तो घर के शौचालय और स्नानघर की सफाई पर विशेष ध्यान देना है।

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