जेएनयू हिंसा मामले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत नौ लोगों की पहचान
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के विवाद को सुलझाने के लिए आज दिन में जेएनयू प्रशासन और छात्रसंघ व शिक्षक संघ की बैठक बुलाई। जानकारी के अनुसार मंत्रालय पहले जेएनयू प्रशासन से बात करेगा और बाद में शिक्षक व छात्रसंघ से बात करेगा।
इन छात्रों की हुई पहचान
पुलिस ने कहा व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए। तीन और चार तारीख की घटना में सर्वर बंद होने के कारण नहीं मिला सीसीटीवी फुटेज। चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आईशी घोष, सुचेता ताल्लुकदार, वास्कर विजय, प्रिया रंजन, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल, डोलन सामंता नाम के छात्रों की पुलिस ने पहचान की है। ये सभी तीन, चार और पांच तारीख की झड़प में शामिल थे।
सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया
चार जनवरी को जेएनयू सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया। 5 जनवरी के दिन साबरमती हॉस्टल और पेरियार हॉस्टल के बीच में एक जगह पर पीस मीटिंग हो रही थी और अचानक से नकाबपोश लोग आ गए और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद इन लोगों ने घुस-घुसकर एक-एक कमरे में छात्रों को मारा। उन्हें सभी रास्ते मालूम थे।
हम 5 जनवरी के पहले से जांच कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन पर छात्रों को चार छात्र समूह डरा रहे थे। लेफ्ट संगठनों के छात्रों ने तीन जनवरी को सर्वर के साथ छेड़छाड़ की। अंदर के स्टाफ से धक्का मुक्की की।
पुलिस ने मीडिया से अपील की है कि यह सेंसिटिव मामला है तो मीडिया इसका ध्यान रखे और सही रिपोर्टिंग करे।
पुलिस ने कहा अफवाहें फैल रहीं इसलिए किया प्रेस कांफ्रेंस
पुलिस ने कहा है कि बीते कुछ दिनों में जांच को लेकर अफवाहें फैल रही थीं, इसलिए ये प्रेस कांफ्रेंस की है।
सादी वर्दी में पुलिस कैंपस में अंदर गई
जेएनयू के बाहर इस वक्त भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और सादी वर्दी में बड़ी संख्या में पुलिस कैंपस के अंदर भी गई है।
जेएनयू हिंसा को लेकर जेएनयू के शिक्षकों ने गृहमंत्री को लिखा पत्र
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक फेडरेशन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर 5 जनवरी के दिन जेएनयू हिंसा के दौरान ‘दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता’ को लेकर शिकायत की है। इस खत पर 16 शिक्षकों ने हस्ताक्षर किया है।