वीडियोकॉन कंपनी के मालिक ने ICICI बैंक को लगाया 2810 करोड़ का चूना !
विजय माल्या, नीरव मोदी, रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी, इन सभी के नाम आज देश के हर नागरिक की जुबान पर है। इन उद्योगपतियों ने हजारों करोड़ रुपए बैंक से लेकर फरार हो चुके हैं या फिर देश में ही रहकर बैंकों से लिया गया पैसा वापस नहीं कर रहै हैं। बैंको से पैसा लेकर विदेश भागने की वजह से सरकार की किरकिरी हो रही है। अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें आईसीआईसीआई बैंक की एमडी रहीं चंदा कोचर विवादों में घिर गई है।
आईसीआईसीआई बैंक ने दिया था 3250 करोड़ रुपए का लोन
दरअसल, मामला वीडियोकॉन कंपनी से जुडा हुआ है। दिसंबर 2008 में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर ने वीडियोकॉन के मालिक वेनुगोपाल धूत के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई जिसमें उनके दो रिश्तेदारों का नाम भी शामिल है। चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन कंपनी को लोन दिया जिसका लोन अकाउंट 2017 में एनपीए घोषित किया जा चुका है। चंदा कोचर ने वीडियोकॉन के मालिक वेणु गोपाल धूत को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया। जिसमें से 340 करोड़ रुपए बैंक को वापस कर दिए गए, लेकिन बाकी का बचा हुआ करीब 2810 करोड़ वेणुगोपाल ने वापस नहीं किया।
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64 करोड़ रुपए लोन लेने के बाद 9 करोड़ में बेची गई कंपनी
रिपोर्ट के मुताबिक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर औऱ वेणुगोपाल ने एक ज्वॉइंट वेंचर बनाया जिसको धूत ने 64 करोड़ रुपए लोन दिया। 64 करोड़ रुपए लोन के देने के बाद वेणुगोपाल ने इसे 9 लाख रुपए में इसकी कमान दीपक कोचर को सौंप दी। इस मामले को लेकर आईसीआईसीआी के व्हिसिलब्लोअर अरविंद गुप्ता ने करीब 2 साल पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की लेकिन पीएमओ की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया। वहीं अब मामला प्रकाश में आने के बाद जांच एजेंसियों ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
आरबीआई ने लगाया 58.9 करोड़ रुपये का जुर्माना
बता दें कि आरबीआई ने देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक के ऊपर सिक्योरिटीज की प्रत्यक्ष बिक्री के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 58.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। ये एक बार में आरबीआई द्वारा किसी बैंक पर लगाई गई सबसे ज्यादा पेनल्टी है। केंद्रीय बैंक ने जारी अधिसूचना में कहा, ‘रिजर्व बैंक ने सिक्योरिटीज की प्रत्यक्ष बिक्री के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण आईसीआईसीआई बैंक पर 26 मार्च के एक आदेश के तहत 58.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।