ICC ने बीसीसीआई की हिस्सेदारी पर चलाई कैंची
आईसीसी ने राजस्व में बीसीसीआई की हिस्सेदारी घटाने के साथ ही पूर्ण सदस्यता प्राप्त अन्य देशों को अधिक संसाधन आवंटित करने का फैसला भी लिया है। आईसीसी के इस नए वित्तीय मॉडल के साथ ही 2014 में पारित प्रस्ताव रद्द हो जाएगा, जिसमें ‘असंगत तरीके से’ बीसीसीआई, क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को अत्यधिक हिस्सेदारी दे दी गई थी।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने गुरुवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा, “कई अहम मुद्दों पर प्रगति हुई है, खासकर आईसीसी की संरचना में।” उन्होंने कहा, “आईसीसी बोर्ड ने एक कार्य समूह का गठन किया है, जिसने बराबरी, नेकनीयती, व्यावहारिक समझ और सहजता के सिद्धांतों के आधार पर आईसीसी के वित्तीय मॉडल के निर्माण का सुझाव दिया।
यह नया मॉडल आईसीसी से संबद्ध हर सदस्य को विकास करने और आय अर्जित करने का मौका देगा तथा अधिक पारदर्शिता और सदस्य देशों के बीच अंतरनिर्भरता लाएगा, जिसकी क्रिकेट खेलने वाले देशों के जरूरत भी है। क्रिकेट खेलने वाले देश जितना अधिक से अधिक मजबूत होंगे, क्रिकेट के लिए उतना ही अच्छा होगा।”
आईसीसी के नए मॉडल के तहत मौजूदा राजस्व और लागत के अनुसार, बीसीसीआई को आईसीसी से अगले आठ वर्ष के दौरान 29.3 करोड़ डॉलर मिलेंगे, जबकि ईसीबी को 14.3 करोड़ डॉलर, जिम्बाब्वे क्रिकेट को 9.4 करोड़ डॉलर और शेष सात पूर्ण सदस्य देशों में से प्रत्येक को 13.2 करोड़ डॉलर मिलेंगे।
आईसीसी के एसोसिएट सदस्य देशों को 28 करोड़ डॉलर मिलेगा। आईसीसी का यह नया मॉडल बुधवार को एक मत के मुकाबले 13 मतों के अंतर से पारित हुआ।
इसके अलावा आईसीसी की पूर्ण परिषद की अगली बैठक में नया संविधान पेश किए जाने पर भी सहमति बनी है।
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आईसीसी के संशोधित संविधान को दो के मुकाबले 12 मतों के अंतर से पारित किया गया। अब यह नया संविधान जून में होने वाली आईसीसी की पूर्ण परिषद की बैठक में अंगीकार किए जाने के लिए पेश किया जाएगा।
आईसीसी ने जारी बयान में कहा है, “इस संशोधित संविधान में सुशासन को तरजीह दी गई है, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नेतृत्व प्रदान करने में आईसीसी का भूमिका और उसके कार्यो को स्पष्ट किया गया है।”
आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने आईसीसी में हुए इन नए बदलावों की सराहना की है और कहा है कि इससे क्रिकेट का खेल और मजबूत होगा।
मनोहर ने कहा, “विश्व क्रिकेट की प्रगति की राह में यह एक अहम कदम है और वार्षिक कॉन्फ्रेंस में इसे अंतिम स्वरूप प्रदान करने की मेरी योजना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम संशोधित वित्तीय मॉडल शासकीय संरचना के जरिए भविष्य में विश्व स्तर पर क्रिकेट की प्रगति और सुधार के लिए आधार प्रदान कर सकते हैं।”