दारोगा की तैनाती को लेकर आपस में भिड़े IAS और IPS

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उत्तर प्रदेश में एक बार फिर आईएएस और आईपीएस अफसरों में तनातनी का मामला सामने आया है। इस बार भी टकराव की वजह थानेदारों की तैनाती का है। मामला प्रमुख सचिव गृह के संज्ञान में है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में जरूरी कार्रवाई और कदम उठाए जा रहे हैं।

आईएएस लगा रहे आईपीएस के काम में अड़ंगा

जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद में थानेदारों की तैनाती को लेकर डीएम रितु माहेश्वरी ने एसएसपी वैभव कृष्ण के काम में दखलंदाजी की। डीएम रितु माहेश्वरी ने इस मामले में एसएसपी से पूछा है कि आखिर क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए? डीएम के हस्तक्षेप से नाराज एसएसपी ने उत्तर प्रदेश शासन से डीएम की शिकायत करते हुए कहा है कि उन्हें गाजियाबाद के एसएसपी पद से हटा दिया जाए।

उन्होंने प्रमुख गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उनका तत्काल तबादला कर दिया जाए। मामले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव गृह ने कहा है कि एसएसपी गाजियाबाद का पत्र मिला है, जिसे शासन ने गंभीरता से लेते हुए जरूरी कार्रवाई और कदम उठाने को कहा है।

टकराव बन रहा परेशानी का सबब

यह पहला मामला नहीं है जब आईपीएस और आईएएस के बीच टकराव का मामला सामने आया है। इससे पहले भी गाजियाबाद में ही समाजवादी सरकार के दौरान तत्कालीन एसएसपी जयनारायण सिंह और डीएम संतोष यादव के बीच टकराव का मामला सामने आया था। हालांकि, उस वक्त ऐसी खबरे भी सामने आई थीं कि एक के सिर पर अमर सिंह और दूसरे के ऊपर रामगोपाल यादव का हाथ था।

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यही नहीं, बीते दिनों गौतमबुद्धनगर जिले में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था, जब एसएसपी अजय पाल शर्मा और डीएम बृजेश नारायण सिंह के बीच विवाद हो गया था। इस मामले को आईपीएस एसोसिएशन ने मुख्यंमत्री योगी आदित्यानाथ के प्रकाश में भी लाया था। लगातार आईपीएस और आईएएस के बीच हो रहा टकराव प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।

हो रही है सरकार की किरकिरी

दरअसल, बीते दिनों गृह विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि थानेदारों की नियुक्ति और तबादले जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद ही पुलिस कप्तान कर पाएंगे। इस आदेश के बाद आईपीएस अफसरों में काफी नाराजगी देखने को मिली थी। मामला इतना बढ़ गया था कि आईपीएस असोसिएशन ने सीएम योगी से इस आदेश को वापस लेने का आग्रह भी किया गया। जिसके बाद शासन ने इस आदेश को वापस ले लिया था। लेकिन गाजियाबाद में डीएम और एसएसपी के विवाद ने मामले में घी डालने का काम कर दिया है।

बीते दिसंबर महीने में मुख्य सचिव राजीव कुमार ने आदेश जारी किया था कि जिलों में पुलिस की क्राइम मीटिंग जिलाधिकारी लेंगे। जो व्यावहारिक तौर पर पुलिस कप्तान एसपी या एसएसपी लेते रहे हैं। इसका आईपीएस एसोसिएशन ने मजबूती से विरोध किया। जिसके बाद इस आदेश को वहीं रोक दिया गया था।

अक्सर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान के बीच तालमेल न होने की वजह से थानेदारों की पोस्टिंग को लेकर उनके बीच टकराव की स्थिति भी पैदा हो जाती है। ऐसी स्थिति में रेंज स्तर पर डीआईजी को अधिकार दिए गए हैं कि वह तैनाती को लेकर निर्णय लें। हालांकि अभी तक ऐसी कोई दिक्कत देखने को नहीं मिली है।

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