हैदराबाद एनकाउंटर: जांच के लिए पहुंची मानवाधिकार आयोग ने कहा जांच जरूरी
हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए पहुंचे मानवाधिकार आयोग ने कहा कि मामले की जांच जरूरी है।
शुक्रवार को जांच के आदेश दिए थे
एनएचआरसी ने मामले में मुठभेड़ में चार आरोपियों के मारे जाने पर संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को जांच के आदेश दिए थे।
देश में मानवाधिकार की सर्वोच्च संस्था ने कहा था कि मुठभेड़ चिंता का विषय है और इसकी सावधानीपूर्वक जांच किए जाने की जरूरत है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय
हैदराबाद में डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के चारों आरोपी शुक्रवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।
इस मामले को लेकर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय हो गया है।
शनिवार को आयोग की टीम ने हैदराबाद पहुंचकर जांच की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनएचआरसी की टीम ने महबूबनगर के सरकारी अस्पताल का भी दौरा किया, जहां चारों आरोपियों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद रखे गए हैं।
सावधानीपूर्वक जांच की जरूरत
देश में मानवाधिकार की सर्वोच्च संस्था ने कहा था कि मुठभेड़ चिंता का विषय है और इसकी सावधानीपूर्वक जांच किए जाने की जरूरत है।
एनएचआरसी ने कहा, ‘आयोग की राय है कि इस मामले की जांच बेहद सावधानीपूर्वक किए जाने की जरूरत है।
इसी के अनुरूप, उसने अपने महानिदेशक (अन्वेषण) को तत्काल एक टीम मामले की जांच के लिए मौके पर भेजने को कहा है।
CJI एसए बोबडे की बड़ी टिप्पणी: ‘न्याय’ कभी ‘बदला’ नहीं हो सकता है
हैदराबाद में वेटरनरी महिला डॉक्टर से रेप-हत्या मामले में चारों आरोपियों के एनकाउंटर के अगले दिन चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की टिप्पणी आई है।
हैदराबाद एनकाउंटर मामले के मद्देनजर भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि अगर यह बदले के इरादे से किया गया है तो न्याय कतई न्याय नहीं हो सकता है।
यदि बदले की भावना से यह किया जाए तो न्याय अपना चरित्र खो देता है।
हालांकि, सीजेआई ने अपनी टिप्पणी में कहीं भी हैदराबाद एनकाउंटर मामले का जिक्र नहीं किया है।
बता दें कि हैदराबाद एनकाउंटर पर एक पक्ष जहां इसकी वाहवाही कर रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना।
नए जोश के साथ पुरानी बहस
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने जोधपुर में कहा कि देश में हाल की घटनाओं ने नए जोश के साथ पुरानी बहस छेड़ दी है।