आश्रम पद्धति विद्यालय के भूखे बच्चों ने किया हाइवे जाम, मची खलबली

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भूख, गंदगी और विभिन्न समस्याओं से परेशान आश्रम पद्धति के बच्चों ने शनिवार को बाबतपुर-वाराणसी हाइवे जाम कर दिया. जानकारी मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई. सातोमहुआ स्थित आश्रम पद्धति के बच्चों के उग्र तेवर को देख पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आ गया. सूचना पर पीएसी के साथ कई थानों की पुलिस के साथ प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे. काफी समझाने और कार्रवाई के आश्वासन के बाद छात्रों ने करीब तीन घंटे बाद जाम समाप्त किया.इस दौरान वाहन चालक जाम में फसे रहे.

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शिकायत के बाद भी नही सुन रहे थे प्रधानाचार्य

पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है. आरोप है कि बच्चों को तीन दिन से खाना नहीं मिला था और वह भूखे थे. इसके अलावा भी वह कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे थे. उन्होंने प्रधानाचार्य और सम्बंधित लोगों को समस्याएं बताईं लेकिन समाधान नहीं हुआ. इससे क्षुब्ध सभी छात्रों ने अपनी बात आला अफसरों तक पहुंचाने के लिए कड़ा फैसला लिया. इसके बाद शनिवार की सुबह सभी छात्र नौ बजे हाइवे पहुंचे और वाहनों को रोक चक्काजाम कर दिया. इस दौरान नारेबाजी करते हुए छात्र विरोध प्रदर्शन करने लगे.

वाहनों की लंबी लगी कतार

बच्चों को इस प्रदर्शन से वाहनों के पहिए जहां-तहां थम गये. दोनों ओर सड़कों पर वाहनों की कतारें लग गई. जाम की सूचना मिलते ही बड़ागांव पुलिस पहुंची और बच्चों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन बच्चे समस्याओं का समाधान होने तक जाम समाप्त करने को तैयार नही हुए. बच्चों के तेवर देख पुलिस को आला अधिकारियों को सूचना देनी पड़ी.

एसडीएम व थाना प्रभारी ने सुनी बच्चों की बात

कुछ देर के बाद एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा व थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय पहुंचे. छात्र मनोज, सर्वेश, सुनील और सनी ने बताया कि विद्यालय में बनारस के अलावा चंदौली, भदोही और गाजीपुर के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. पिछले तीन दिनों से उन्हें खाना नहीं दिया गया. उन्हें कच्चे और घटिया किस्म का खाना और नाश्ता परोसा जाता है. प्रधानाचार्य से कई बार इसकी शिकायत की लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. बाध्य होकर उन्हें चक्काजाम करना पड़ा.

बच्चों ने खोली समाज कल्याण विभाग की योजना की कलई

छात्रों ने अधिकारियों को बताया कि विद्यालय परिसर गंदगी रहती है. सफाई नहीं होती. इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. इसके अलावा भी छात्रों ने प्रधानाचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने प्रधानाचार्य और भोजन आदि की व्यवस्था से जुड़े ठेकेदार को हटाने की मांग की. अफसरों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया. तब जाकर बच्चों ने जाम समाप्त किया और आवागमन शुरू हो सका. बच्चों के इस आंदोलन ने समाज कल्याण विभाग की संचालित योजना की कलई खोल दी है.

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