कब्रिस्तान से गायब हो रही थी इंसानी खोपड़ियां, वजह जानकर कांप जाएगी रूह…
गरीबी को कई लेखकों ने अभिशाप कहा है, लेकिन तेलंगाना से सामने आए नरकंकाल की खोपड़ी चोरी होने के मामले ने इस बात को साबित कर दिया है. दरअसल, बीते कुछ दिनों से तेलंगाना के जिला हनुमतकोंडा स्थित कब्रिस्तान में दफन शवों की खोपड़ियां गायब हो रही थी. इस बात की जानकारी होने से इलाके में हड़कंप मच गया. पहले तो इस मामले को लोग तंत्र-मंत्र से जोड़कर देख और लिख रहे थे. दूसरी ओर पुलिस ने इस मामले की तफतीश में जिस बात का खुलासा किया है, उस बात ने हर किसी को चौंका दिया और उन्हें दूसरी तरह से सोचने पर मजबूर कर दिया है. आइए जानते हैं, आखिर कहां औऱ किस इस्तेमाल के लिए चोरी हो रही थी नर खोपड़ियां ?
आधी रात को चोरी होती थी खोपड़ियां…
दरअसल, यह मामला भीमाराम कब्रिस्तान का है. यहां पर कुछ लोगों ने गौर किया कि यहां गाड़े गए शवों की खोपड़ियां गायब हो रही है. कई कब्र की मिट्टी भी खुदी हुई पाई गई. जब इस बात की सही से पड़ताल की गई तो, पाया गया कि कई सारी कब्रों से नर खोपड़ी गायब थी. इस बात की जानकारी होने पर लोगों में हड़कंप मच गया तो, वही कुछ लोगों ने इस घटना को तंत्र – मंत्र से जोड़कर देखना शुरू कर दिया. इसका कारण रहा कि यह चोरी रात को ही की जा रही थी और इस काम को अंजाम देना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं मानी गई. दूसरी ओर इस बात की तह तक जाने के लिए एक बढ़िया सा प्लान बनाया गया ताकि, यह कौन कर रहा है औऱ क्यों कर रहा है इस पता लगाया जा सके ?
पेट पालने के लिए करता था खोपड़ियों की चोरी
इसके लिए कुछ स्थानीय लोग अमावस्या की रात को कब्रिस्तान में छिप गए. इसके बाद देर रात आहट हुई और देखा गया कि, एक युवक चोरी छिपे कब्रिस्तान में दाखिल हुआ. इसके बाद उसने जैसे ही एक कब्र खोदनी शुरू की लोगों ने उसको पकड़ लिया. इसके बाद उसकी वहीं जमकर पिटाई करनी शुरू कर दी. बाद में लोगों ने इस युवक को पुलिस के हवाले कर दिया.
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वहीं पुलिस की पूछताछ में जो खुलासा हुआ उसने हर किसी को चौंका दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, कब्रिस्तान से नर खोपड़ियों की चोरी तंत्र-मंत्र के लिए नहीं बल्कि पेट पालने के लिए एक चोर के द्वारा की जा रही थी. पुलिस के हत्थे चढ़े खोपड़ी चोरी करने वाले चोर ने इस बात को कबूल किया और बताया कि यह रिवाज है कि मरने वाले के मुंह में लोग सोना डालते हैं और उसके बाद उसे दफना देते हैं. ऐसे में वह खोपडियां इसलिए चोरी करता था कि नर खोपड़ियों के मुंह से वह सोना निकाल कर बेच सकूं और फिर बेचे गए उस सोने से वह अपने परिवार का भरण पोषण करता था. ऐसे में चोरी की बात का खुलासा होने के बाद चोर को साथ दोबारा ऐसा न करने की शर्त पर डांट फटकार कर छोड़ दिया गया.