1962 में लखीमपुर की सीट कैसे बनी VIP …
यूपी: देश में लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है और इसे के साथ अचार संहिता भी लागू हो गयी है.
अचार संहिता लगने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. वहीं अब चुनावी दौर शुरू होते ही राजनेताओं की नई-पुरानी चर्चाएं और इतिहास-भूगोल की भी बातें होने लगी है.
जानें क्या है इस सीट पर खास…
गौरतलब है की प्रदेश के हर एक सीट किसी न किसी कारण चर्चा का विषय रही है चाहे वो वाराणसी हो, मैनपुरी हो या फिर लखीमपुर. ऐसे में आज हम बात कर रहे हैं राजधानी से सटे जनपद लखीमपुर की सीट के बारे में जहां इसका जिक्र समीचीन है. क्योंकि यहां से नेतृत्व करने वाले लोगों के चेहरे खास रहे हैं. इसमें चाहे कांग्रेस के सांसद रहे स्व. बाल गोविंद वर्मा हों या फिर आज के सांसद अजय मिश्र टेनी. ये सभी शख्स राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले चेहरे रहे हैं.
जीत के बाद हार, फिर जीत
बात करें लखीमपुर खीरी तो यह सीट 1962 में VIP बन गयी थी जब जहां तीसरे लोकसभा के चुनाव हुए थे. इस दौरान कांग्रेस ने यहां से स्व. बाल गोविंद वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था. तब बाल गोविन्द ने यह सीट जीतकर अपने नाम की थी. लेकिन पांच साल बाद हुए मतदान में कांग्रेस को इस सीट में हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट को प्रजातांत्रिक सोसलिस्ट पार्टी ने जीतकर कांग्रेस से छीन ली थी.
बाल गोविन्द ने लगाई थी हैट्रिक
गौरतलब है कि बाल गोविन्द ने तीसरी लोकसभा जीतने के बाद लगातार इस सीट से तीन बार जीत हासिल की थी और जीत की हैट्रिक लगाई. वहीं, साल 1977 के बाद हुए चुनाव में इमरजेंसी के कारण वह चुनाव हार गए और 1980 में हुए मतदान में फिर जीतकर सांसद बने.
मौजूदा समय में अजय मिश्र है सांसद
अजय सपा में राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ वह स्व. मुलायम सिंह यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफी करीबी रहे. वर्तमान सांसद अजय कुमार मिश्र टेनी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं. इससे पहले वर्ष 2009 में यहां से सांसद चुने गए.
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खीरी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद
1952 : रामेश्वर प्रसाद नेवरिया (कांग्रेस)
1957 : कुंवर खुशवक्त राय (प्रसोपा)
1962 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
1967 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
1972 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
1977 : सुरथ बहादुर शाह (जनता पार्टी)
1980 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
1980 : ऊषा वर्मा (बाल गोविंद वर्मा के निधन के बाद उप चुनाव) (कांग्रेस)
1985 : ऊषा वर्मा (कांग्रेस) 1989 ऊषा वर्मा (कांग्रेस)
1991 : डा. जीएल कनौजिया (भाजपा)
1996 : डा. जीएल कनौजिया (भाजपा)
1998 : रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
1999 : रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
2004 : रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
2009 : जफर अली नकवी (कांग्रेस)
2014 : अजय कुमार मिश्र टेनी (भाजपा)
2019 : अजय कुमार मिश्र टेनी (भाजपा).