कैसे काम करती है सीबीआई! जानिए आखिर ये एजेंसियां ही क्यों करती हैं जांच
हाल ही में 1 अप्रैल को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी (CBI) ने अपने 60 साल पुरे कर लिए हैं. देश में हर तरह के मामलो को जांच करने के लिए सीबीआई को भारत की सबसे बड़ी एजेंसी माना जाता है, हाल ही में सीबीआई के 60 साल पुरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी जमकर तारीफ की और इसे न्याय का ब्रांड तक बता दिया, साथ ही इसके व्यापक होते दायरे का भी जिक्र किया. तो आज हम आपको इसके इतिहास के बारें में बताएंगे और साथ ही बात करेंगे कि कैसे इसने लोगों को न्याय दिलाने का काम किया.
कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत…
सीबीआई की शुरुआत सरकारी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को रोकने के लिए की गई थी. साल 1941 में इसे स्पेशल पुलिस स्टेब्लिशमेंट के तौर पर स्थापित किया गया था. इसके बाद हर तरह के पेचीदा केस इस एजेंसी को दिए जाने लगे. सीबीआई को 1965 में कई तरह के मामलों की जांच के अधिकार दिए गए. सीबीआई को इंटरपोल के साथ सीधे बातचीत का अधिकार भी दिया गया है. अगर इंटरपोल को किसी अंतरराष्ट्रीय क्राइम की जांच करनी है तो उसे सीबीआई से संपर्क करना होगा.
सीबीआई को दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टेब्लिशमेंट एक्ट 1946 की धारा 2 सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में अपराधों की जांच करने का अधिकार देती थी, हालांकि, एक्ट की धारा 5(1) के तहत बताया गया कि रेलवे क्षेत्रों और राज्यों सहित अन्य क्षेत्रों में अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया जा सकता है, बशर्ते राज्य सरकार अधिनियम की धारा 6 के तहत सहमति प्रदान करे. यानी राज्य की इजाजत लेना जरूरी है.
क्यों हर केस में की जाती है ‘सीबीआई’ की मांग…
अपने अक्सर कही न कही सुना ता देखा तो जरूर होगा कि पीड़ित ने न्याय पाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की. कई बार सीबीआई जांच को लेकर लोग धरना प्रदर्शन भी करते है. जिसके बाद केंद्र कई बार जांच के निर्देश देती है. अब सवाल यहां ये उठता है कि सीबीआई जांच पर लोगों को आखिर इतना भरोसा करते क्यों हैं? इसका जवाब ये है कि सीबीआई जांच का अपना एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी SOP होता है. उसी के तहत सीबीआई अधिकारी काम करते हैं. इसके अलावा सभी मामलों की जांच के लिए सुपरविजन ऑफिसर भी होते हैं. अगर केस में कुछ कमी दिखती है तो ऑफिसर दोबारा जांच के निर्देश देता है. सभी मामलों की जांच के लिए सीबीआई में मल्टीलेयर सुपरविजन को इस्तेमाल किया जाता है. सुपरविजन लेयर दो से लेकर नौ अधिकारियों तक होती है.
किस तरह से होती है सीबीआई जांच…
देश में सीबीआई को सबसे बड़ी और विश्वसनीय एजेंसी माना जाता है, यही वजह है कि हर केस में सीबीआई जांच की मांग की जाती है. खुद से सीबीआई किसी भी केस में हाथ नहीं डाल सकती है. सीबीआई केंद्र सरकार के तहत काम करती है. यानी केंद्र सरकार के अप्रूवल के बाद ही कोई भी केस सीबीआई को ट्रांसफर होता है. इसके अलावा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को भी अधिकार है कि वो सीबीआई को जांच का आदेश दे. देश में कई ऐसे मामले देखे गए हैं, जब कोर्ट ने सीधे सीबीआई जांच के आदेश दिए.
सरकार लेती है सीबीआई से सुझाव…
जब भी किसी राज्य में कोई बड़ा मामला सामने आता है तो उसके लिए राज्य सरकार की तरफ से सिफारिस की जाती है. इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से सीबीआई से बातचीत की जाती है और इस पर फैसला लिया जाता है. कई मौकों पर सीबीआई केंद्र सरकार को ये सुझाव देती है कि सिफारिश किए गए केस में इतना दम नहीं है, साथ ही लंबित मामलों का हवाला देते हुए भी कई बार केस ठुकरा दिए जाते हैं. इसी तरह साल 2015 में सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को कहा गया कि वो अब और व्यापम के मामलों की जांच नहीं कर सकती है, क्योंकि उनके पास स्टाफ की कमी है.
Also Read: जियो ने दिया टीवी को झटका, आईपीएल देखने को टीवी के पास दर्शक ही नहीं, देखें आकड़ें