अब बदलने वाली है होमगार्डों की जिंदगी, ऐसे करेंगे काम…
प्रदेश (state) में अब होमगार्डों को भी इज्जत मिलने की शुरुआत हो गयी है। पंजाब की तर्ज पर यूपी के होमगार्ड्स को भी स्वयं सेवकों की बॉर्डर विंग बना कर भारत-नेपाल सीमा पर तैनात किया जाएगा। होमगार्ड्स के स्वयं सेवकों को चार साल बाद वर्दी बांटी जा रही है। पिछले कुछ साल में होमगार्ड विभाग की उपेक्षा की गई है, जबकि होमगार्ड अब मुस्तैदी से पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करते दिखते हैं।
चार साल बाद मिली वर्दी
लखनऊ में डीजी होमगार्ड्स डॉ. सूर्य कुमार के साथ अनिल राजभर ने 20 अवैतनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पदक से सम्मानित किया और प्रतीक स्वरूप 89 स्वयं सेवकों को वर्दी का कपड़ा वितरित किया। होमगार्ड्स के स्वयं सेवकों को चार साल बाद वर्दी बांटी जा रही है।
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पिछले कुछ साल में होमगार्ड्स विभाग की उपेक्षा की गई है। 1962 में बने इस विभाग का झंडा और वर्दी का निर्धारण पिछले एक साल में किया गया है। जब मुझे विभाग की जिम्मेदारी मिली तो पता चला कि पिछले चार साल से उन्हें वर्दी नहीं मिली है। सरकार से बजट लेकर विभाग ने ई-टेंडरिंग के जरिए वर्दी के कपड़े की खरीद की है। जिस रेट में कपड़ा खरीदा गया है, वह पिछली बार हुई खरीद से करीब आधा है।
होमगार्ड्स को मिला था खुद का झंडा
आपको बता दें कि इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने होमगार्ड के 55वें स्थापना दिवस की रैतिक परेड पर झंडे का अंगीकरण कराया। राज्यमंत्री होमगार्ड अनिल राजभर ने मुख्यालय स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की थी। झंडे के बीच में उत्तर प्रदेश सरकार का चिन्ह और उस पर उत्तर प्रदेश होमगार्ड लिखा है।