पांच साल पहले, 2020 में, पूरी दुनिया ने एक ऐसी महामारी का सामना किया जिसने हर किसी की जिंदगी बदलकर रख दी. कोविड-19 वायरस ने हमें डर, दर्द और अनिश्चितता के साए में जीने पर मजबूर कर दिया था. लॉकडाउन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्द हमारे जीवन का हिस्सा बन गए.
अब, जब दुनिया धीरे-धीरे उस भयावह समय से उबर रही है, एक नया वायरस, HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) ने दस्तक दी है. चीन के बाद अब यह भारत में भी सामने आया है.
भारत में HMPV का पहला मामला
बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में 8 महीने के बच्चे में HMPV वायरस की पुष्टि हुई है .स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, “हमारी लैब में इसका परीक्षण नहीं किया गया है, लेकिन निजी अस्पताल की रिपोर्ट पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.”
HMPV वायरस: क्या है और क्यों चिंता का कारण है?
HMPV, कोविड-19 की तरह ही एक रेस्पिरेटरी वायरस है. यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है. इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हो सकते हैं, जैसे:
बुखार
खांसी
सांस लेने में दिक्कत
नाक बहना या बंद होना
हालांकि, कोविड-19 की तुलना में यह वायरस फिलहाल व्यापक स्तर पर नहीं फैला है.
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HMPV से बचाव के उपाय
HMPV के खतरे को गंभीरता से लेते हुए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें.
हाथों की स्वच्छता बनाए रखें.
खांसी या जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें.
सतर्कता की आवश्यकता
2020 में कोविड-19 के शुरुआती दौर की लापरवाही ने हमें एक बड़ा सबक दिया. अब हमें HMPV को हल्के में नहीं लेना चाहिए. सावधानी और जागरूकता के जरिए हम इस वायरस को महामारी बनने से रोक सकते हैं.